बलुई दोमट मिट्टी पर वेटीवर की खेती करें किसान : योगेश
सीमैप लखनऊ द्वारा पंडवा के झरी में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
Palamu : सीएसआइआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप), लखनऊ द्वारा पलामू जिले के झरी गांव में किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया. सीएसआईआर-एरोमा मिशन फेज-3 के तहत आयोजित इस जागरूकता कार्यक्रम में सीमैप के परियोजना सहायक योगेश कुमार ने गांव के किसानों को वैकल्पिक खेती के बारे में बताया. सगंधी एवं औषधीय पौधों की खेती और उसके लाभ के बारे में जानकारी दी. उन्होंने किसानों को लेमन ग्रास, पामारोजा, तुलसी और वेटीवर की खेती के संबंध में जागरूक किया.
तुलसी और लेमन ग्रास की खेती को लेकर किया गया जागरूक
योगेश कुमार ने बताया कि झारखंड के विभिन्न जिलों में लेमन ग्रास की खेती को बढ़ावा मिला है. पलामू जिले में भी इसकी खेती में विस्तार हुआ है. इससे किसानों को अधिक मुनाफा भी हो रहा है. उन्होंने तुलसी की खेती एवं उसके औषधीय गुणों के बारे में भी किसानों को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि तुलसी कम समय में होने वाली नकदी फसल है. इससे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसकी खेती नर्सरी विधि एवं सीधे बीज विधि से की जा सकती है. योगेश कुमार ने किसानों को वेटीवर(खस) की खेती करने के लिए भी आगे आने को कहा. उन्होंने कहा कि वेटीवर की खेती बलुई दोमट मिट्टी में या नदी के किनारे वाले स्थानों पर किया जा सकता है. अन्य फसलों की अपेक्षा इसके फायदे भी अधिक हैं और मवेशी एवं नील गाय आदि जानवरों से नुकसान का खतरा भी नगण्य है.
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मौके पर ये रहे मौजूद
उन्होंने किसानों को औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया और तकनीकी सहयोग का भरोसा दिलाया. जागरूकता कार्यक्रम में ग्राम प्रधान राजीव रंजन, किसान ओंकार नाथ, बीटीएम अमित कुमार, दुर्गेश पाठक, पूजा सिंह, रूबी कुमारी, जितेंद्र मेहता, अभिमन्यु मेहता, ओम प्रकाश, कृष्ण कुमार वनपर, जेएसएलपीएस के पदाधिकारी के अलावा किसान मित्र तथा अन्य किसान उपस्थित थे.