Ranchi : कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की शिकायतें लगातार आ रही हैं. झारखंड भी इससे अछूता नहीं है. सरकार के आदेश के बावजूद प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं. चाहे वो फीस बढ़ाने का मामला हो, ऑनलाइन क्लास का या फिर परीक्षा का मामला. सभी निर्देशों को दरकिनार कर सरकार की नाक के नीचे स्कूल अपने मन का कर रहे हैं.
पिछले एक साल से राज्य के सभी स्कूल,कॉलेज बंद हैं.सरकार ने आदेश जारी किया था कि सभी स्कूलों में ट्यूशन फीस के अतिरिक्त किसी भी तरह की फीस अभिभावकों से नहीं ली जाएगी. बावजूद इसके राज्य के प्राइवेट स्कूल फीस के नाम पर धांधली कर रहे हैं. रांची के कई स्कूलों में अभिभावकों ने इसके मद्देनजर शिकायत भी की. लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. रांची के आचार्यकुलम स्कूल से भी कुछ ऐसी ही शियात सामने आयी है.
क्या है मामला
नामकुम स्थित आचार्यकुलम स्कूल जो कि एक डे बोर्डिंग स्कूल है. वहां के अभिभावकों ने स्कूल पर मनमाना फीस वसूलने का आरोप लगाया है. यह स्कूल बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ द्वारा संचालित है और यह स्कूल मध्यवर्गीय परिवार के लिए एक समय में वरदान साबित हुआ था. मगर हालात ऐसे हो चुके हैं कि अभिभावक परेशान हो चुके है. फीस को लेकर मनमानी और धांधली की जा रही है. इस लॉकडाउन में छात्र छात्राएं ऑनलाइन क्लास से भी वंचित रह गये. साथ ही परीक्षा भी नहीं ली गयी. अभिभावकों ने बताया कि झारखंड एजुकेशनल ट्रिब्यूनल को दिए लेटर के मुताबिक, स्कूल प्रबंधन ने नामांकन के वक्त कहा था कि हमारे यहां 12 वीं तक केवल एक ही फीस लिया जाता है, जो 3000 रूपये हैं.
इसी फीस में पढ़ाई के साथ-साथ दोपहर का भोजन भी दिया जाता है. मगर पिछले एक साल के लॉकडाउन से ना ही कोई ऑनलाइन क्लास की गयी न ही परीक्षाएं ली गयी. बावजूद इसके बिना जानकारी दिये आचार्यकुलम स्कूल ने अभिभावकों को ट्यूशन फ़ीस बताने की जगह 500 रूपये छूट देकर 2500 रूपये जमा करने को कहा है. जिसकी शिकायत जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी की गयी. पिछले एक साल से छात्र-छात्राएं पढ़ाई से पूर्ण रूप से वांछित है. जिसके बाद अभिभावकों ने झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल सहित जिला शिक्षा पदाधिकारी से भी शिकायत की. मगर अबतक इसपर किसी भी तरह की कार्यवाई नहीं हो हो पायी है.
अभिभावकों ने अपने बच्चों को विद्यालय से निकाला
मनमानी फीस वृद्धि और स्कूल की ओर से पर दबाव बनाने से परेशान होकर कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लिया है. साथ ही कुछ ऐसे अभिभावक भी हैं, जिन्होंने टीसी के लिए आवेदन भी दिया है.
प्रिंसिपल ने सारी बातों को बताया बेबुनियाद
इस सारी शिकायतों के बारे में जब lagatar.in ने प्रिंसिपल से बात की. तो प्रिंसिपल ने सारी बातों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि 2021 में कोरोना के दूसरे लहर की वजह से एकबार फिर सभी स्कूल कॉलेज बंद हो गए हैं. साथ ही कहा कि लॉकडाउन की वजह से सभी की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है. ऐसे में फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाना बहुत ही गैर जिम्मेदाराना हरकत होगी. सभी की परिस्थिति को समझते हुए स्कूल की ओर से अप्रैल से किसी भी तरह की फीस की मांग नहीं की गयी है.