- 6 महीने से वेतन के लिए गुहार लगा रहे थे DPRO अजय कुमार
- IPRD की एक APRO का पूरा परिवार संक्रमित, 6 महीने की सैलरी के लिए सीएम से लगाई गुहार
Ranchi: सिमडेगा के जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अजय कुमार की कोरोना से मौत हो गई. अजय कुमार की नियुक्ति सितंबर 2020 में डीपीआरओ के पद पर हुई थी. ज्वाइनिंग के बाद से उन्हें एक भी महीने की सैलरी नहीं मिली थी. बीते 6 महीने से वे वेतन के लिए विभाग से गुहार लगा रहे थे. कोरोना संक्रमण होने के बाद पैसे के अभाव में बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया. अगर उनकी सैलरी मिल गई होती तो शायद अच्छा इलाज करवा पाते और उनकी मौत नहीं होती. कोरोना संक्रमण के इस भयानक दौर में भगवान तो परीक्षा ले ही रहा है, हेमंत सरकार भी अपने कर्मचारियों, पदाधिकारियों के धैर्य की परीक्षा ले रही है. आईपीआरडी में सरकारी ही नहीं संविदा पर बहाल पदाधिकारियों को भी 6 महीने से सैलरी नहीं मिल रही है.
इससे बुरी स्थिति नहीं हो सकती
सूचना और जनसंपर्क विभाग के लिए काम करने वाले 130 आउटसोर्सिंग कर्मियों और पदाधिकारियों को पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं मिली है. कई कर्मचारी और उनके परिवार के लोग कोरोना की चपेट में है. पैसे नहीं होने के कारण उनका ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है. IPRD में APRO के पद पर बहाल नेहा तिवारी का पूरा परिवार संक्रमित है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मदद के लिए मार्मिक गुहार लगाई है. नेहा ने कहा है कि ऐसी विकट परिस्थिति में सैलरी नहीं मिली है. मुझे नहीं लगता कि इससे भी बुरी स्थिति हो सकती है.
आखिर कब करेंगे सचिव फाइल पर साइन
बता दें कि lagatar.in IPRD कर्मियों की सैलरी नहीं मिलने की खबर लगातार चलता रहा है.आउटसोर्सिंग कंपनी ड्रीमलाइन और सरकार के बीच 130 कर्मी पिस रहे हैं. दो कर्मियों के पेपर में गड़बड़ी की बात कह IPRD ने 6 महीने तक सभी कर्मचारियों की सैलरी रोक दी. फाइल आगे बढ़ा तो फिर सेक्रेटरी के पास रुक गई. इस बारे में बात करने पर डिप्टी डायरेक्टर ने कहा था कि जबतक सेक्रेटरी सिग्नेचर नहीं करते कर्मियों को सैलरी नहीं दी जा सकेगी. सवाल यह उठता है कि आखिर हेमंत सरकार के पदाधिकारी और अधिकारी इस कठिन घड़ी में भी इतने कठोर और निर्दयी क्यों बने हुए हैं. आखिर मुख्यमंत्री की नींद कब टूटेगी.