Ranchi : झारखंड में गरीबों को अनाज मुहैया कराने की व्यवस्था फेल हो चुकी है. राज्य में गरीबों का पेट नहीं भर रहा है बल्कि सरकारी अनाज डीलर, अफसर और सरकार के पेट भर रहे हैं. सरकार ने हरा कार्ड बनाकर गरीबों के साथ गंदा मजाक किया है. इससे उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है. यह आरोप लगाया है बीजेपी के विधायक नवीन जायसवाल ने. वह प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.
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हरा कार्ड बना कर गरीबों को ठग लिया
नवीन जायसवाल ने कहा कि सरकार बनने के बाद से झारखंड में हरा कार्ड बनाने की मुहिम चली, जिसके तहत लाभुकों प्रति व्यक्ति एक रुपए में 5 किलो अनाज मिलता है, लेकिन हकीकत यही है कि इसमें भी घोटाले हैं. हर दिन सैकड़ों लोग आते हैं और कहते हैं कि इस योजना के जरिए सरकार ने हमें ठग लिया. हरा कार्ड का फायदा आयुष्मान योजना और बच्चों की पढ़ाई जैसी योजनाओं में नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार ने पीला और गुलाबी कार्ड की योजना को शुरू किया था, जिसे इस सरकार ने अवरुद्ध करने का काम किया.
खाद्य आपूर्ति विभाग में घोटाले ही घोटाले
नवीन जायसवाल ने कहा कि झारखंड में खाद्य आपूर्ति विभाग के कारनामे हर रोज अखबारों में आते रहते हैं. हाल में आया कि एक डीलर ने विभाग की मदद से 15 लाख घोटाला कर लिया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने 5 एकड़ से ज्यादा जमीन वालों को डराने का काम किया है. बिचौलिए उनके धान क्रय केंद्रों तक नहीं पहुंचते. 1932 के खतियान के आधार पर अगर किसी की 5 एकड़ जमीन थी तो अब उसमें दर्जनों हिस्से हो गए हैं. जायसवाल ने कहा कि सरकार सिर्फ प्रोपेगेंडा कर रही है.
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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में पहले दिन से घोटाला
विधायक ने कहा कि लाभुकों को उनका हक नहीं मिल रहा. हर बार 15 नवंबर को धान क्रय केंद्र खुलता था, लेकिन इस बार 15 दिसंबर को खुला है. किसानों के पास धान को रखने की जगह नहीं है. ऐसे में 90 फ़ीसदी किसानों ने 10-12 रुपए में अपने धान बिचौलियों को बेच दिया. विधायक ने केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भी घोटाले का आरोप लगाया. कहा कि झारखंड सरकार पहले दिन से इस योजना में घोटाला कर रही है. लाभुकों को 5 किलो ही अनाज मिल रहा है. सितंबर 2021 का अनाज गायब कर दिया गया. वहीं दिसंबर महीने का अनाज जनवरी में अब तक नहीं दिया गया है. दिसंबर के अनाज की भी घोटाले की तैयारी है.
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