Ranchi: खलारी सीओ शिशुपाल आर्य की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. इसे लेकर अपर समाहर्ता रांची और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से शिकायत की गई है. शिकायत में कहा गया है कि अंचल अधिकारी खलारी द्वारा भ्रामक, झूठा और तथ्य विहीन रिपोर्ट भेजकर भूमि को विवादित करने का प्रयास कर रहे हैं. शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया है कि खलारी अंचल के द्वारा अपर समाहर्ता को भेजी गयी जांच रिपोर्ट भ्रामक एवं झूठा है. तथ्यों और जांच प्रोटोकॉल खिलाफ कार्य करते हुए अंचल अधिकारी का व्यवहार भूमाफिया से भी बढ़कर है. यह आरोप कोनका मौजा के खाता संख्या 26 नंबर 217 एवं 459 के शंतिपूर्वक दखलकारो संजय कुमार,रोहिनी देवी,संतोषी देवी, आरती देवी एंव अन्य के द्वारा लगाया गया है.
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भूमि के दखलकरों ने सीओ खलारी पर क्या लगाया आरोप
ग्राम कोनका का खाता संख्या 26 प्लॉट नंबर 217 एवं 459 सर्वे खतियान में गैरमजरूआ मालिक दर है. उक्त भूमि का लगाम पाने वाले का नाम कॉलोनाइजेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया दर्ज है. बाद के दिनों में उक्त भूमि विभिन्न लोगों को सेटल किया गया है.

जिस भूमि को विवादित करने का हो रहा प्रयास, क्या है उसका इतिहास
उक्त भूमि 23 मार्च 1963 को डीड नंबर 2213 एवं 17 मई 1963 को डीड नंबर 3721 द्वारा मिसेज एंजेलिना मोरिय एवं मिसेज कैथलीन जार्डिन द्वारा प्रतुल चंद्र महेंद्र एवं उनकी पत्नी ने खरीदी थी. उक्त भूमि को प्रतुल चंद्र महेंद्र एवं उनकी पत्नी द्वारा तारकेश्वर सिंह, सोमेश्वर सिंह एवं अन्य पिता राय साहब प्रोफेसर राम नारायण सिंह को डीड नंबर 3428 एवं 3429 दिनांक 18 जून 1968 द्वारा बेचा गया. इसके उपरांत उक्त भूमि की जमाबंदी तारकेश्वर सिंह वगैरा के नाम पर दर्ज हुआ. इसके उपरांत उक्त भूमि को 11 मार्च 2010 में डीड संख्या 5042, 5040, 5050 , 5049,5047,5045 के द्वारा संजय कुमार,रोहिनी देवी,संतोषी देवी, आरती देवी एवं अन्य ने खरीदा. उक्त जमीन को दाखिल खारिज कराकर शंतिपूर्वक दखलकार के रूप में भूमि का उपयोग कर रहे हैं.
अंचल कार्यालय की सह पर भूमि को बनाया जा रहा विवादित
पिछले एक वर्ष से लाल गंझू,हेमराम गंझू एवं अन्य पिता चरकु गंझू निवासी कोनका द्वारा भूदान पर्चा के आधार पर भूमि को विवादित करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसे अचंल कार्यालय खलारी के द्वारा सह दी जा रही है.
क्या लग रहे सीओ खलारी पर आरोप
अंचल अधिकारी द्वारा जांच प्रक्रिया से हटकर मनमानी तरीके से उपरोक्त भूमि के वर्तमान भूस्वामी का पक्ष जाने बिना रिपोर्ट अपर समाहर्ता रांची को भेजा जाता है. जिसमें भूमि का पंजी टू का जिक्र नहीं किया जाता है. वहीं अंचल अधिकारी के द्वारा बिना भूदान पत्र का जांच किये उसे आधार बनाकर भूमि को चरकू गंझू का बताना, चरकू गंझू को भूदान कमिटि से कब और कैसे भूमि प्राप्त हुई इसकी जांच न करना,भूमि का लगान भुगतान किसके द्वारा किया जा रहा, तथ्यों की अवहेलना करना जैसे काम अंचल अधिकारी खलारी कर रहे हैं.
अपने आरोप में शिकायर्ता के द्वारा कहा गया है कि यह जांच रिपोर्ट अंचलाधिकारी के कुत्सित मानसिकता को दर्शाता है. और भूमि को येन केन प्रकारेण से हड़पने का षड्यंत्र किया जा रहा है. आरोप में आगे लिखा गया है कि अंचल अधिकारी खलारी का व्यवहार भू माफियाओं से बढ़कर है. जमीन पर अनावश्यक कब्जा कराने के प्रयास को लेकर कोई गंभीर अप्रिय घटना घटती है, तो इसकी सारी जिम्मेदारी केवल अंचलाधिकारी खलारी को होगी.
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