Ranchi : झारखंड में भूमि को विवादित बनाने का खेल अंचल कार्यालय से शुरू होता है. जहां पदस्थापित पदाधिकारी अपने निजी हित को अपने कार्य से ऊपर मानते हैं. ताजा मामला खलारी अंचल का है. जहां पूर्व में सीआई के पद पर रहते हुए जिस भूमि का म्यूटेशन किया था, विभागीय प्रोन्नति पाने के बाद सीआई से बने खलारी सीओ ने उसी भूमि को जंगल झाड़ी और भूदान का बता रहे हैं. मामला इतना ही नहीं, कर्मचारी की रिपोर्ट में मुखिया को भी जबरन घर से बुलाकर हस्ताक्षर कराने का काम किया. यह कारनामा करने वाले वर्तमान खलारी सीओ शिशु पाल आर्य हैं.
क्या है मामला
मामला खलारी अंचल की मायापुर पंचायत स्थित कोनका मौजा के थाना नंबर 8 का खाता 26 की प्लॉट संख्या 217 से जुड़ा है. उक्त भूमि को लेकर पुष्पा खलखो मुखिया मायापुर ने अपर समाहर्ता रांची से शिकायत की थी कि भूदान की जमीन को भू-माफिया के द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है. जिसके बाद उक्त भूमि की जांच अंचल अधिकारी खलारी को करने के लिए भेजा जाता है. अपर समाहर्ता को भेजी गयी कर्मचारी की रिपोर्ट में भूमि के अभिलेख को बिना देखे रिपोर्ट भेजी जाती है.
क्या है अंचल अधिकारी की जांच रिपोर्ट में
अंचल अधिकारी ने अपनी जांच रिपोर्ट में उक्त भूमि के संबंध में लिखा है कि कोनका मौजा की खाता संख्या 26, प्लॉट संख्या 217, रकबा 33.3 एकड़ भूमि गैरमजरूआ मालिक किस्म जंगल झाड़ी के नाम से ऑनलाइन सर्वे खतियान में दर्ज है. वहीं इसी खाता संख्या 217 में 7 एकड़ भूमि चरकू गंझू को भूदान से प्राप्त हुआ है. वर्तमान में भूमि पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है.
अंचल अधिकारी की रिपोर्ट पर उठ रहे कई सवाल
- क्या गैरमजरूआ किस्म की भूमि को भूदान में किसी को बदोबस्त किया जा सकता है?
- अंचल कार्यालय खलारी के द्वारा कोनका खाता संख्या 217 की भूमि को भूदान बता कर विवाद उत्पन करने के पीछे क्या मंशा है ?
- शिशुपाल आर्य खलारी के सीआई रहते हुए उक्त भूमि का रेणु देवी, संजय कुमार, रोहनी देवी, आरती देवी माधुरी, संतोषी आदि अन्य के नाम पर म्यूटेशन किया था. तब 10 सालों में ही भूमि का नेचर कैसे बदल गया?
- अंचल अधिकारी के द्वारा सर्वे खतियान का जिक्र किया गया है. वहीं उक्त भूखंड के पंजी टू में दर्ज अभिलेख को क्यों छिपया जा रहा है?
क्या कहती है मुखिया पुष्पा खलखो
कोनका मौजे की भूमि को लेकर अंचल कार्यालय में रिपोर्ट तैयार की गयी थी. अंचल कार्यलाय के द्वारा 3 जनवरी 2021 को हमें घर से बुलाकर रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कराया गया. मैं हस्ताक्षर करने से मना कर रही थी. सीओ और बड़ा बाबू ने दबाब देकर हमसे हस्ताक्षर कराया.
क्या कहते हैं खलारी सीओ शिशुपाल आर्य
अंचलाधिकारी खलारी शिशुपाल आर्य ने लगातार न्यूज़ के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कर्मचारी की रिपोर्ट में मुखिया का हस्ताक्षर है. जबकि मुखिया से जबरन हस्ताक्षर कराने की बात से वह इनकार करते हैं. उन्होंने कहा कि अपर समाहर्ता को भेजी गयी रिपोर्ट पर कई व्यक्तियों की ओर से आपत्ति की गयी है. सभी संबंधित पक्षों का पक्ष लेकर और राजस्व अभिलेख के आधार पर जिला को पुनः रिपोर्ट भेजी जायेगी.
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