NewDelhi : क्या पेगासस पर मोदी सरकार पर हमलावर विपक्ष अब भाग रहा है? राजनीतिक हलकों में यह चर्चा है, खबर है कि इस्राइली कंपनी एनएसओ के Pegasus spyware के जरिए सरकार द्वारा नेताओं, पत्रकारों व एक्टिविस्ट की कथित जासूसी की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की समिति को अब तक सिर्फ दो लोगों ने अपने मोबाइल जांच के लिए सौंपे हैं.
इसे भी पढ़ें : सीरिया में US ऑपरेशन, ISIS कमांडर अबू इब्राहिम ने खुद को बम से उड़ाया, जो बाइडन,कमला हैरिस ने लाइव देखा
आठ फरवरी तक जांच के लिए मोबाइल सौंप दें
बता दें कि समिति ने लोगों से अपील की है कि वे अंतिम तिथि आठ फरवरी तक जांच के लिए मोबाइल सौंप दें. पहले सात जनवरी मोबाइल सौंपने की अंतिम तिथि थी. कहा जा रहा है कि जासूसी को लेकर शोर मचाने वाले इसकी जांच से कतरा रहे हैं. सवाल उठ रहे है कि क्या विपक्ष भी आरोप लगाकर भाग रहा है?
इसे भी पढ़ें : प्रवर्तन निदेशालय ने पंजाब CM चन्नी के भतीजे को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया
पहले 7 जनवरी मोबाइल सौंपने की अंतिम तिथि थी
इस कथित जासूसी कांड को लेकर देश में विपक्ष व कई अन्य संगठन भारी बवाल मचा रहे हैं, लेकिन उच्च स्तरीय जांच में मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. जांच समिति को शिकायतों की जांच के लिए मोबाइल फोन चाहिए. पहले 7 जनवरी मोबाइल सौंपने की अंतिम तिथि थी. उसे बढ़ाकर 8 फरवरी किया गया है, लेकिन अब तक मात्र दो लोगों ने जांच के लिए अपने फोन के हवाले किये हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है. समिति ने कहा है उसे जांच के लिए अब तक महज दो उपकरण (मोबाइल फोन आदि) मिले हैं जांच समिति ने 3 फरवरी को सार्वजनिक सूचना जारी कर लोगों से अपील की है कि वे मोबाइल सौंपें.
पत्रकारों के एक समूह ने 50 हजार फोन नंबरों की सूची जारी की थी
जान लें कि पिछले साल फ्रांस स्थित पत्रकारों के एक समूह ने 50 हजार फोन नंबरों की एक लीक हुई सूची जारी की थी. दुनियाभर के नंबर जारी किये थे, जिनकी इस्राइली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाईवेयर के ग्राहकों द्वारा निगरानी की गयी थी. सूची में भारत के भी कुछ लोगों के नाम होने का दावा किया गया था.
पिछले दिनों एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत सरकार ने भी यह स्पाईवेयर खरीदा है. सरकार ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की कमेटी कर रही है.
भारत को बदनाम करने की साजिश : अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में उन रिपोर्टों का खंडन किया था, जिनमें कहा गया था कि केंद्र सरकार ने पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विपक्षी नेताओं तथा मंत्रियों के फोन हैक करने व उनकी जासूसी के लिए पेगासस स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया. वैष्णव ने जासूसी मामले को भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थानों को बदनाम करने की साजिश करार दिया था.