NewDelhi : पेगासस जासूसी मामला फिर सुर्खियों में है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पेगासस मामले में आज गुरुवार को सुनवाई करने जा रहा है. खबरों के अनुसार जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट SC को सौंप दी है. इस सॉफ्टवेयर को लेकर याचिकाकर्ताओं का दावा है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा जुलाई 2017 में किये गये इजराइल दौरे के क्रम में भारत-इजराइल के बीच लगभग 15 हजार करोड़ रुपए की डिफेंस डील हुई थी. दावा किया गया था कि इस डील में पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर भी शामिल था. इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल फोन के जरिए किसी की जासूसी के लिए किया जाता है.
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27 अक्टूबर को एक्सपर्ट कमेटी गठित की गयी थी
मामला कोर्ट में दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए 27 अक्टूबर 2021 को एक्सपर्ट कमेटी गठित की थी. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन इसके अध्यक्ष बनाये गये थे. याद करें कि कमेटी गठित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हर किसी की प्राइवेसी की रक्षा होनी चाहिए. जान लें कि कमेटी में अध्यक्ष जस्टिस आरवी रवींद्रन के साथ पूर्व IPS अफसर आलोक जोशी और डॉक्टर संदीप ओबेरॉय शामिल हैं. पेगासस जासूसी मामले में पत्रकारों और एक्टिविस्ट्स ने अर्जियां दायर की थीं. मांग की गयी थी कि सुप्रीम कोर्ट के जजों की निगरानी में जांच हो.
केंद्र सरकार का SC में हलफनामा
केंद्र सरकार ने इस मामले पर कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा था कि वह कथित पेगासस जासूसी की जांच के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनायेगी. इस मामले में कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को ट्रिब्यूनल में नियुक्ति के लिए 10 दिन का समय दिया था.
पेगासस स्पायवेयर इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है.
पेगासस एक स्पायवेयर है. यह जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर है. इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है. हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है. पेगासस स्पायवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है.
पेगासस जासूसी लिस्ट में 40 पत्रकार, तीन विपक्ष के बड़े नेता, एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति, मोदी सरकार के दो मंत्री और सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा और पूर्व हेड समेत कई बिजनेसमैन शामिल हैं. जिनपत्रकारों की जासूसी किये जाने का आरोप है, उनमें हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, TV-18, द हिंदू, द ट्रिब्यून, द वायर जैसे संस्थानों से जुड़े पत्रकार सहित कई स्वतंत्र पत्रकारों के भी नाम हैं.