गुलाब चंद्र बैंक की नौकरी छोड़कर शामिल हुए
Bermo: बेरमो कोयलांचल के स्वांग कोल वाशरी से कोयलायुक्त पानी सीधे कोनार नदी में प्रवाहित किया जाता था. इस नदी से आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों को पीने का पानी मिलता था. लेकिन स्वांग कोल वाशरी से सीधे कोनार नदी में पानी प्रवाहित होने से नदी का पानी प्रदूषित हो जाता था. इसे लेकर गोमिया के गंझूडीह गांव के युवकों ने युवा विकास केंद्र की स्थापना कर स्वांग वाशरी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन किया. लंबी लड़ाई के बाद 1997 में जीत मिली. इस आंदोलन से प्रेरित होकर बेरमो अनुमंडल के लहरियाटांड निवासी गुलाब चंद्र दामोदर बचाओ अभियान में जुड़ गए.
दामोदर बचाओ अभियान संगठन का गठन 1995 में किया गया था. 1997 में गुलाब चंद्र इस अभियान से जुड़े और संयोजन का दायित्व अपने हाथों में लिया. इस अभियान में शामिल होने के बाद उन्होंने ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक की नौकरी छोड़ दी. बाद में इस अभियान से रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेंद्र सिंह, संदीप पांडेय, मेधा पाटकर, बुलु इमाम, डॉ रमेश शरण पूर्व कुलपति विनोबा भावे विश्वविद्यालय, डॉक्टर नीतीश प्रियदर्शी, घनश्याम, कुमार कलानंद मनी, दयामणि बारला, फैसल अनुराग, हरिवंश जी, सुबोध सिंह पवार और रामचंद्र रवानी जैसे अनेकों हस्तियों ने दामोदर बचाओ अभियान में भाग लिया. साथ ही गंझूडीह के ग्राम विकास केंद्र, गैरमजरूआ गांव के अमर ज्योति युवा केंद्र, छोटानागपुर पर्यावरण चेतना केंद्र, शोषित मुक्ति वाहिनी और अभियान झारखंड भी अभियान में हिस्सा लिया. इसमें दामोदर नदी के उद्गम स्थान से लेकर के झारखंड के पंचेत डैम तक यात्रा किया गया.
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बताया जाता है कि झारखंड राज्य के तत्कालीन मंत्री सह विधायक सरयू राय ने दामोदर नदी को बचाने के लिए दामोदर बचाओ आंदोलन को सराहा. यह अभियान राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक नदियों को बचाने के सवाल पर राजनीतिक पहचान बनी. इसका परिणाम है कि नमामि गंगे जैसे परियोजना में दामोदर नदी को बचाने के कार्यक्रम को बजटीय प्रावधान किया गया है.
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गुलाब ने हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया था
गुलाब चंद्र ने 2009 में दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए झारखंड हाईकोर्ट रांची में पीआईएल दायर किया. हाईकोर्ट ने दामोदर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सीसीएल, डीवीसी और झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक शपथ पत्र देकर प्रदूषण कम करने का आदेश दिया. तब से दामोदर नदी और इसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने का प्रयास सरकार द्वारा शुरू किया गया. आज भी दामोदर नदी के अतिक्रमण के खिलाफ और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर जंग जारी है.
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Great initiative by mr gulab chandra and his team strict regulation should be imposed by government dump waste should be minimised and processed through filtering equipment before discharging into any river ..