NewDelhi : हमारे देश के खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है. इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना,आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है. खिलौना मेला केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है. यह कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भारत खिलौना मेला ( द इंडिया टॉय फेयर 2021) का उद्घाटन करते हुए यह बात कही.
बता दें कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में वोकल फॉर लोकल के तहत देश को खिलौना निर्माण का वैश्विक हब बनाने के मकसद से शिक्षा मंत्रालय, महिला व बाल विकास मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय मिलकर इसका आयोजन कर रहे हैं. भारत खिलौना मेला के लिए अभी तक 10 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
Delhi: PM Narendra Modi inaugurates The India Toy Fair 2021. pic.twitter.com/dfBNR2Aidf
— ANI (@ANI) February 27, 2021
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मोदी ने कहा, लोग भारत आकर खेल सीखते थे
पीएम मोदी ने कहा कि सिंधुघाटी सभ्यता, मोहनजो-दारो और हड़प्पा के दौर के खिलौनों पर पूरी दुनिया ने रिसर्च की है. प्राचीन काल में दुनिया के यात्री जब भारत आते थे, तो भारत में खेलों को सीखते भी थे और अपने साथ लेकर भी जाते थे.
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आज का शतरंज भारत का चतुरंग है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जो शतरंज दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वो पहले ‘चतुरंग या चादुरंगा’ के रूप में भारत में खेला जाता था. आधुनिक लूडो तब ‘पच्चीसी’ के रुप में खेला जाता था. हमारे धर्मग्रन्थों में भी बाल राम के लिए अलग-अलग कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह भारतीय जीवनशैली का हिस्सा रहे हैं, वही हमारे खिलौनों में भी दिखता है. ज्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और इको फ्रेंडली चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं.
हमारे यहां ऐसे खिलौने बनाये जाते थे, जो बच्चों के चहुंमुखी विकास में योगदान देने वाले होते थे. कहा कि आज भी भारतीय खिलौने आधुनिका फैंसी खिलौनों की तुलना में कहीं सरल और सस्ते होते हैं.
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खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने अपनी कविता में कहा है कि ‘एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है. खिलौना का एक-एक रंग बच्चे के जीवन में कितने ही रंग बिखेरता है.प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी परंपराओं, खानपान, और परिधानों में ये विविधताएं एक ताकत के रूप में नजर आती है.
इसी तरह भारतीय खिलौना उद्योग भी इस यूनिक इंडियन पर्स्पेक्टिव को भारतीय विचारबोध को प्रोत्साहित कर सकती हैं. खिलौनों का जो वैज्ञानिक पक्ष है, बच्चों के विकास में खिलौनों की जो भूमिका है, उसे अभिभावकों को समझना चाहिए और अध्यापकों को स्कूलों में भी उसे प्रयोग करना चाहिए. इस दिशा में देश भी प्रभावी कदम उठा रहा है, व्यवस्था में जरूरी कदम उठा रहा है.
खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में शामिल किया गया
पीएम ने कहा कि देश ने खिलौना उद्योग को 24 प्रमुख क्षेत्रों में दर्जा दिया है. नेशनल टॉय एक्शन प्लान भी तैयार किया गया है. इसमें 15 मंत्रालयों और विभागों को शामिल किया गया है ताकि ये उद्योग प्रतिस्पर्धी बने, देश खिलौनों में आत्मनिर्भर बनें और भारत के खिलौने दुनिया में जायें.
आज खिलौना मेला के इस अवसर पर हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस ऊर्जा को आधुनिक अवतार दें, इन संभावनाओं को साकार करें. अगर आज मेड इन इंडिया की डिमांड है, तो आज हैंड मेड इन इंडिया की डिमांड भी उतनी ही बढ़ रही है.