NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल संरक्षण के अभियानों में लोगों की भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि अकेले सरकार के प्रयासों से कुछ नहीं हो सकता. वे आज गुरुवार को राज्यों के जल मंत्रियों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे. इस क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जल राज्यों के बीच सहयोग व समन्वय का विषय होना चाहिए और शहरीकरण की तेज गति को देखते हुए उन्हें पहले से ही इसके लिए योजना तैयार करनी चाहिए.
We need to use technologies like Geosensing and Geomapping in the field of water conservation. Industry and agriculture are two sectors where water is required. Jal Jeevan Mission has become a major development parameter to provide water to every household: Prime Minister Modi pic.twitter.com/IlGro17v0S
— ANI (@ANI) January 5, 2023
In our constitutional system, the subject of water comes under the control of the states. States’ efforts for water conservation will go a long way in achieving the collective goals of the country: Prime Minister Modi at the All India Annual State Ministers’Confrence on Water pic.twitter.com/3nbx96XZpt
— ANI (@ANI) January 5, 2023
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पीएम की इस टिप्पणी के कई मायने हैं
जानकारों के अनुसार पीएम की इस टिप्पणी के कई मायने हैं, क्योंकि दशकों से कई राज्यों के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मनरेगा के तहत, ज्यादा से ज्यादा काम पानी पर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के अभियानों में जनता को, सामाजिक संगठनों को और सिविल सोसायटी को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना होगा. कहा कि जब किसी अभियान से जनता जुड़ती है तो उसे उसकी गंभीरता का भी पता चलता है.
बता दें कि जल शक्ति मंत्रालय ने पांच-छह जनवरी को भोपाल में जल से जुड़े विषय पर राज्यों के मंत्रियों के पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया है. जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, राज्यों के मंत्रियों के इस पहले अखिल भारतीय वार्षिक सम्मेलन का विषय ‘वॉटर विजन@2047’ है.
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