NeweDelhi : सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक मेल आईडी के फुटनोट पर प्रधानमंत्री मोदी की फोटो और केंद्र सरकार का नारा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इस्तेमाल किये जाने पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी सामने आयी है. खबर है कि आपत्ति दर्ज कराये जताये पर इसे हटा लिया गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने ई-मेल से जुड़ी सुविधा उपलब्ध कराने वाले नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर को निर्देश दिया कि वह प्रधानमंत्री मोदी की फोटो व स्लोगन को हटाये. पीएम की जगह सुप्रीम कोर्ट की फोटो का इस्तेमाल करें. इस आदेश पर अमल हो गया है.
इसे भी पढ़ें : रोहिणी कोर्ट गोलीबारी मामला : CJI एनवी रमण ने जतायी चिंता, आज हड़ताल पर रहेंगे दिल्ली के वकील
वकीलों ने इस पर आपत्ति जतायी
जानकारी के अनुसार गुरुवार, 22 सितंबर की देर शाम कुछ वकीलों ने इस पर आपत्ति जतायी. इसके बाद रजिस्ट्री के संज्ञान में यह बात आयी कि सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक ई-मेल के साथ पीएम मोदी की फोटो और एक चुनावी नारा भी जा रहा है, जिसका न्यायपालिका के कामकाज से कोई संबंध नहीं है. कल शुक्रवार को इसे हटाने के निर्देश जारी हुए. मामला सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन के व्हाट्सएप ग्रुप ने उठाया था.
इसे भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ इमरान ने उगला जहर, तो स्नेहा दुबे ने आईना दिखाया, पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह करार दिया
सुप्रीम कोर्ट एक स्वतंत्र अंग है, सरकार का हिस्सा नहीं है
ग्रुप में लिखे गये संदेश में एक वकील ने लिखा कि सर मुझे सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री द्वारा नोटिस भेजा गया. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाई दे रही है. संदेश में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट एक स्वतंत्र अंग है. सरकार का हिस्सा नहीं है. अनुरोध है कि इस मामले को CJI के सामने उठाया जाये. इस मामले पर ई-मेल से जुड़ी सुविधा उपलब्ध कराने वाले नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने कहा कि इस स्क्रिप्ट का इस्तेमाल NIC के सभी प्लेटफॉर्म के लिए किया जा रहा है, शिकायत के बाद सुप्रीम कोर्ट के प्लेटफॉर्म से इसे हटाने का निर्णय लिया गया. कहा कि इससे पहले हमने गांधी जयंति से संबंधित एक संदेश का इस्तेमाल किया था.