Ramgarh : समाजसेवी निशि पांडेय ने पतरातू बस्ती मुहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरा तोड़ने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था. वो भी पति किशोर पांडेय की जमशेदपुर में और ससुर की पतरातू बीच बाजार में हत्या होने के बाद पुलिस की ओर से दिए गए सुरक्षा अलर्ट पर इसे लगाया गया था. मगर एकाएक शनिवार की देर शाम मेरे द्वारा लगाए गए 4 कैमरों को बिना पूर्व सूचना और नोटिस के तोड़ दिया गया. जबकि यदि पुलिस कैमरा हटाने कहती तो उसे मैं खुद हटवा लेती. पुलिस प्रशासन का यह कदम पुरी तरह से राजनीतिक दबाव में उठाया गया कदम है. उक्त बातें निशि पांडेय ने रविवार को पतरातू बस्ती स्थित आवास में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही.
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मेरी हत्या की साजिश- निशि पांडेय
समाजसेवी निशि पांडेय ने कहा कि घर में कोई भी पुरूष सदस्य नहीं है. दो महिला और तीन बच्चे घर में हैं. कैमरा पुलिस की गतिविधि के लिए नहीं बल्कि अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगाया गया था. अब कैमरा हटने से हमारा परिवार असुरक्षित हो गया है. इसलिए पुलिस को सुरक्षा की जवाबदेही लेनी चाहिए. निशि पांडेय ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा घटनाक्रम मेरी हत्या की साजिश की ओर इशारा करता है. पुरानी पृष्टभूमि से जोड़ कर हमे और हमारे साथ रहने वालों को परेशान किया जाता है. मेरी समाजसेवा से भयभीत होकर बार-बार राजनीतिक और आपराधिक षड़यंत्र रचा गया. जेल भेजा और अब इससे भी मन नहीं भरा तो मेरी सुरक्षा को तार-तार किया जा रहा है. एक राजनेता के जेल से छूटते ही रामगढ़ जिला और आसपास आपराधिक घटनाएं बढ़ गई है. उनके पास पावर है इसलिए लोग दबी जुबान इस तरह की बाते करते हैं. कोई इससे अनभिज्ञ नहीं. सभी जानते हैं, मगर कोई बोल नहीं सकता.
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पुलिस पर राजनीतिक दबाव- निशि पांडेय
निशि पांडेय ने आरोप लगाया कि उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा और व्यवसाय के बीच में आने वालों को खुलेआम टारगेट किया जा रहा है. इसकी बानगी मेरे ससुर की हत्या के वक्त देखी गई थी. जब पतरातू के हजारों आमलोगों ने हत्या कर फरार हो रहे शूटरों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया था. इसके बावजूद पुलिस राजनीतिक दबाव में गुमराह हो रही है. जबकि एक नेत्री विकास कार्य छोड़ मुझे और मेरे परिवार को फंसाने में लगी है. यदि मेरी हत्या होती है तो इसकी जवाबदेही बड़कागांव विधानसभा की पावरफुल राजनीतिक परिवार होगा. इसकी लिखित शिकायत पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों को भेजूंगी.