RANCHI : PLFI नक्सली संगठन पर झारखंड पुलिस नकेल कसने में जुटी हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अबतक ज्यादा PLFI उग्रवादी गिरफ्तार हुए है. पिछले वर्ष झारखंड पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 60 PLFI उग्रवादी को गिरफ्तार किया था, जबकि इस वर्ष अबतक 109 PLFI उग्रवादी गिरफ्तार हुए है. गौरतलब है की झारखंड पुलिस नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से अभियान चला रही है. आर्थिक रूप से कमजोर बनाने के लिए नक्सलियों की संपत्ति जब्त की जा रही है. लेवी देनेवालों पर भी तेजी से कार्रवाई की जा रही है.
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पुलिस की दबिश ने कम किया PLFI उग्रवादी संगठन का दबदबा
झारखंड लिबरेशन टाइगर (जेएलटी) से पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) बने उग्रवादी संगठन का दबदबा कम होता जा रहा है. एक के बाद एक हार्डकोर उग्रवादी गिरफ्तार होते जा रहे है. PLFI उग्रवादी संगठन का एक-एक कर उसका एरिया साफ होने लगा है. हाल के महीनो मे PLFI के कई सक्रिय उग्रवादी गिरफ्तार हुए है.
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पुलिस के लिए चुनौती बनी PLFI के दो नक्सलियों की जोड़ी
PLFI के दो नक्सलियों की चर्चित जोड़ी को मार गिराना पुलिस का अगला टारगेट है. इनमें से एक है PLFI का जोनल कमांडर जिदन गुडि़या और दूसरा है PLFI प्रमुख दिनेश गोप. पुलिस जिदन की तलाश में जोर-शोर से छापेमारी कर रही है, लेकिन इसके बावजूद भी जिदन गुड़िया पकड़ से बाहर है. PLFI का सुप्रीमो दिनेश गोप भी पुलिस के लिये लगातार चुनौती बना हुआ है. उसकी एक तस्वीर तक पुलिस के पास नहीं है. बता दें कि टेरर फंडिंग के मामले में एनआइए ने दिनेश गोप को स्थायी तौर पर फरार घोषित किया है.
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जानिए कैसे हुआ PLFI का गठन
PLFI से पहले यह संगठन झारखंड लिबरशन टाइगर (जेएलटी) के नाम से जाना जाता था. दरअसल यह संगठन माओवादियों के प्रभाव वाले इलाकों में उनसे लोहा लेने के लिए पुलिस की शह पर बना था. इसमें नक्सली संगठन छोड़कर आये लोगों को शामिल किया गया था. पहले संगठन के लोग पुलिस को माओवादियों के बारे में सूचना देते थे. धीरे-धीरे संगठन हथियारों और संसाधनों से लैस होने लगा. देखते ही देखते जेएलटी नामक यह संगठन PLFI के नाम से माओवादियों के समानांतर खड़ा हो गया. रांची के ग्रामीण इलाकों, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, खूंटी, हजारीबाग और सिंहभूम में संगठन ने तगड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया. यह अब माओवादियों की तर्ज पर हिंसक घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी करने लगा और संगठन ने बकायदा लेवी की वसूली शुरू कर दी.
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