Rome : पोप फ्रांसिस ने कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं. बता दें कि इस साल जुलाई में पोप फ्रांसिस की आंतों की सर्जरी हुई है. अपने रूढ़ीवादी आलोचकों पर निशाना साधते हुए पोप ने कहा कि उनकी गंदी टिप्पणियां’ शैतान का काम हैं. खबर है कि पोप फ्रांसिस ने स्लोवाक की राजधानी ब्रातिस्लावा में स्लोवाकिया के जेसूट के साथ 12 सितंबर को हुई बैठक के दौरान कहा कि कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं. बैठक में हुई बातचीत के कुछ अंश मंगलवार को जेसूट जर्नल ला सिविल्टा कैटोलिका में प्रकाशित हुए हैं.
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ईश्वर का शुक्र है कि मैं ठीक हू
बातचीत के क्रम में पादरी ने उनसे पूछा कि वह कैसा महसूस कर रहे है. इस पर पोप ने मजाकिया अंदाज में कहा, अब भी जिंदा हूं.कहा, हालांकि कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं. मुझे पता है कि पादरी लोग बैठकें करने लगे थे और कह रहे थे कि पोप की जो हालत बताई जा रही है, असल में वह उससे भी ज्यादा खराब है. वे आगे की तैयारी कर रहे थे. सब्र रखिए, ईश्वर का शुक्र है कि मैं ठीक हू.
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पोप ने हंगरी-स्लोवाकिया की यात्रा की
पोप फ्रांसिस की सर्जरी में बड़ी आंत का 33 सेंटीमीटर हिस्सा निकाला गया था. इसके बाद पोप ने 12 से 15 सितंबर को हंगरी-स्लोवाकिया की यात्रा की थी. पोप के दस दिन तक अस्पताल में रहने पर इटली की मीडिया ने कयास लगाने शुरू कर दिये थे कि शायद अब पोप इस्तीफा दे देंगे और खबरों में पोप के वारिस के बारे में बारे की जा रही थीं.