Saraikela : सरायकेला के विभिन्न क्षेत्रों में बांग्लाभाषी महिलाओं की ओर से मां दुर्गे के दूसरे रुप मां विपत्तारिणी पूजा श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया. महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर 13 प्रकार के फल, फूल और अन्य सामग्रियों का भोग लगाकर पूजा-अर्चना कर विपत्तियों से रक्षा करने की कामना की. महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सुहाग की कामना की. व्रतियों ने पूजा-अर्चना कर परिवार के सभी सदस्यों के बांह में लाल धागा बांध मां विपत्तारिणी को स्मरण किया। इसके बाद भोग वितरण किया गया. इसमें कोविड गाइडलाइंस का पालन किया गया.
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कांड्रा एसकेजी कॉलानी में पूजा करने दूरदराज से आते हैं श्रृद्धालु
कांड्रा एसकेजी कॉलानी स्थित जी -15 में ध्रुवलाल बनर्जी (अब मृत) द्वारा 1960 में मां विपत्तारिणी पूजा की शुरुआत की गई थी. पूजारी श्यामा पदो बनर्जी, बामा पदो बनर्जी एवं तारा पदो बनर्जी ने बताया कि मंदिर में आज भी परंपरागत रूप से विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. दूरदराज के श्रृद्धालु यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं। यहां की पूजा का विशेष महत्व है.