Ranchi: सीओ की सहमति के बिना अंचल में राजस्व संबंधी मामलों का निष्पादन नहीं होता और ना ही कोइ आदेश परित हो सकता है. लेकिन अंचल की ओर से पारित आदेश गलत पाये जाने इसकी जिम्मेदारी सीओ अपने अधीनस्थ कर्मियों पर डालने का काम करते रहे रहे हैं. जिसके कारण राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को कोर्ट में अपना पक्ष रखना पड़ता है. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
जिसके कारण विभाग की फजीहत होती है. इसे देखते हुए विभाग ने राजस्व मामलों के निपटरे को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि गलत आदेश पारित होने की जिम्मेदारी से अंचल अधिकारी बच नहीं सकते. दो दर्जन से अधिक अंचलाधिकारियों पर आरोप पत्र गठित करने का निर्देश दिया गया है.
दो दर्जन से अधिक सीओ विभाग के रडार पर
अंचल की ओर से गलत आदेश पारित होने के कई मामले राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग पहुंचे हैं. जिस पर विभाग की ओर से दो दर्जन से अधिक अंचलाधिकारियों से स्पष्टीकरण की भी मांग की गई है. प्राप्त सूचना के मुताबिक, जिन सीओ से संतोषजनक जवाब नहीं मिले हैं उन पर विभाग की ओर से आरोप पत्र गठित करने के निर्देश दिये गए हैं.
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वहीं गलत आदेश परित होने पर अंचलाधिकारियों की ओर से यह दलील दी जाती है कि हल्का कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक के प्रतिवेदन अनुशंसा पर म्यूटेशन बंदोबस्त एवं अन्य राजस्व संबंधी कार्यों का निष्पादन किया गया है.
क्या है विभागीय दिशा- निर्देश में
विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि अपनी जिम्मेदारियों से अंचल अधिकारी नहीं बच सकते हैं. राजस्व संबंधी मामलों के किसी भी संबंध में गलत आदेश चाहे वह म्यूटेशन का हो बंदोबस्ती एवं अन्य कार्यों का इसकी पूरी जिम्मेदारी अंचल अधिकारी की होगी. जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है अंचल अधिकारी आपने अधीनस्थ अधिकारियों के प्रतिवेदन पर यांत्रिक (mechanical) ढंग से कार्रवाई करने से पूर्व अपने विवेक का उपयोग करें. साथ ही रेंडम बेसिस पर स्थल का निरीक्षण भी करें. गलत आदेश की जिम्मेदारी से इस आधार पर नहीं बचा जा सकता कि वह अधीनस्थ कर्मियों के प्रतिवेदन और अनुशंसा पर आधारित है.
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