Ranjit Kumar
Medininagar (Palamu): मेदिनीनगर सूचना भवन में “स्वाधीनता आंदोलन में पलामू के गुमनाम नायक” विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त शशि रंजन ने किया. साथ में उप विकास आयुक्त मेघा भारद्वाज और पलामू प्रमंडल जनसंपर्क के उप निदेशक आनंद मौजूद थे. DC शशि रंजन ने कहा कि इतिहास को सहेजे रखना महत्वपूर्ण कार्य है. ये देश के नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य भी है. जो भी इतिहास को संभाल कर उसका दस्तावेजीकरण कर रहे हैं, उसे किताब के शक्ल में पड़ने, समझने और जानने के लिए लिख रहे हैं. वे सभी नमनीय हैं. उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर आईपीआरडी द्वारा कराया जाने वाला सेमिनार महत्वपूर्ण है.
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डीसी ने कहा कि जिला जनसंपर्क विभाग द्वारा जिले के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर केंद्र के सांस्कृतिक निदेशालय को भेजने का काम किया जा रहा है. इसमें जिलेवासियों को सहयोग करना चाहिए. जिनके पास भी इससे जुड़ी जानकारी या तस्वीर है वो प्रशासन को उपलब्ध कराए. सोन घाटी पुरातत्व परिषद के अध्यक्ष और इतिहासकार अंगद किशोर ने कहा कि 1857 से 1942 तक पलामू में बड़ी संख्या में ऐसे क्रांतिकारी हैं, जो या तो शहीद हुए या अंग्रेजों की गोली के शिकार हुए. लेकिन उनके नामों का उल्लेख किसी दस्तावेज या शिलालेख में नहीं है. बहुत से स्वतंत्रता सेनानी ऐसे हैं, जिनके नामों का उल्लेख तो है, लेकिन उनकी पहचान नहीं हुई है. उन गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर गहन खोज करने तथा उनके जीवनवृत्त को प्रकाश में लाने की जरूरत है. इस अमृत महोत्सव की सार्थकता तभी सिद्ध होगी, जब स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को उपेक्षा की जगह पर सम्मानित किया जाए.
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