- उग्रवाद, अपराधों की रोकथाम सहित विधि-व्यवस्था से जुड़े मामलों को लेकर हेमंत सोरेन ने की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
सीएम के दिए महत्वपूर्ण निर्देश
• हर हाल में उग्रवाद और आपराधिक घटनाओं पर लगाएं लगाम.
• उग्रवाद प्रभावित इलाकों में युवाओं को रोजगार से जोड़ें.
• नक्सल इलाकों में पुल-पुलिया और सड़क बनाने की पहल करें. इससे नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में सुरक्षा बलों को दिक्कत नहीं होगी.
• जेलों से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. सभी जेलों में एक माह के अंदर जैमर लगाएं.
Ranchi : राज्य के बूढ़ा पहाड़, पारसनाथ और सारंडा समेत नक्सल प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का निर्देश वरीय पुलिस अधिकारियों को दिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे इलाकों में शिविर लगाएं. इन इलाकों में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए. मुख्यमंत्री का मानना है कि इससे पुलिस के प्रति लोगों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और उग्रवादी घटनाओं को आम जनता के सहयोग से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. हेमंत सोरेन ने यह निर्देश गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में वरीय पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति हुए में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में दी. बैठक में मुख्यमंत्री ने लॉ एंड ऑर्डर, उग्रवाद, अपराधों के रोकथाम सहित विधि-व्यवस्था से जुड़े अन्य मामलों की समीक्षा की.
पर्व- त्योहारों में लॉ एंड ऑर्डर और शांति-सदभाव तथा सुरक्षा बनी रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ही दिनों में त्योहार – पूर्व का दिन शुरू हो रहा है. इस दौरान लॉ एंड व्यवस्था नहीं बिगड़े, इस पर मजबूती से काम करें. उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे समेत अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक तथा पुलिस-उप महानिरीक्षक स्तर के कई पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे.
कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है. विशेषकर उग्रवाद एवं आपराधिक घटनाओं पर हर हाल में लगाम कसी जाए, ताकि राज्य में भयमुक्त वातावरण बनाए रखा जा सके. पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि सुरक्षाबलों के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में सिविक एक्शन प्लान चलाकर लोगों को जरूरत के सामान लगातार उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार से जोड़ने में करें सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों विशेषकर युवाओं को रोजगार से जोड़ने पर उग्रवादी घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है. नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क और पुल- पुलिया बनाने की अगर जरूरत है तो उसकी पूरी मैपिंग कराएं और सरकार को इसकी रिपोर्ट दें. इसके बाद यहां पुल- पुलिया और सड़क बनाने की पहल की जाएगी, ताकि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में सुरक्षा बलों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े.
1 महीने के अंदर सभी जेलों में जैमर लगाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में बंद कई अपराधियों द्वारा मोबाइल या अन्य माध्यमों से आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की शिकायत लगातार मिल रही है. इस पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के सभी जेलों में एक माह के अंदर जैमर लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए.
वामपंथी उग्रवाद और सुरक्षा बलों की कार्रवाई से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
• राज्य में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 16 रह गयी है. इसमें 8 जिले अति नक्सल प्रभावित हैं. 8 जिलों में मॉडरेट नक्सली गतिविधियां हो रही हैं, वहीं 8 जिले उग्रवाद से मुक्त हैं.
• सुरक्षाबलों द्वारा द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन की वजह से उग्रवादियों घटनाओं में लगातार कमी आ रही है.
• वर्ष 2020 से अभी तक पुलिस एवं नक्सलियों के बीच 108 मुठभेड़ हुई है. मुठभेड़ों में 27 नक्सली मारे गए हैं. 2020 से अभी तक 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है तथा 1131 नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है. नक्सलियों द्वारा पुलिस से लूटे गए 138 हथियार और 774 आईईडी बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है.
इसे भी पढ़ें – अवैध तरीके से कोल ब्लॉक आवंटन में मनी लांड्रिंग, कोर्ट ने लिया संज्ञान