Ranchi : अवैध तरीके से कोल ब्लॉक आवंटन में मनी लांड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू जिला कोर्ट, दिल्ली ने संज्ञान लिया है. इस मामले में पवनजय स्टील एंड पावर लिमिटेड और अन्य ने 2018 में दायर की गई पहली अभियोजन शिकायत और ईडी द्वारा 2022 में दायर पूरक अभियोजन शिकायतों पर विचार करने के बाद ईडी ने पवनजय स्टील खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया था. पवनजय स्टील एंड पावर लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध करने के लिए सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर कथित कोयला ब्लॉक घोटाले के लिए पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत एलडी द्वारा 1.04 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों की अंतरिम कुर्की की भी पुष्टि की गई थी.
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क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक मनी लांड्रिंग का पूरा मामला 24 करोड़ रुपये का है. आरोप है कि झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड कंपनी व इसके दोनों निदेशक राम स्वरूप रूंगटा व राम चंद्र रूंगटा ने गलत दस्तावेज पर 2006 में कोल ब्लॉक लिया था. कोयला घोटाले के इस केस में जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि 30वीं स्क्रीनिग कमेटी ने रूंगटा बंधुओं को झारखंड की नार्थ धाबू-27 कोल ब्लॉक आवंटित की थी. इसमें झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के अलावा इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड, आधुनिक एलॉय एंड पावर लिमिटेड व पवनजय स्टील एंड पावर लिमिटेड भी शामिल थीं. कोर्ट ने भी आरोपितों को गलत दस्तावेज पर कोल ब्लॉक हासिल करने, धोखाधड़ी करने व आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं का दोषी माना था. इसके बाद दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने रामस्वरूप रूंगटा व रामचंद्र रूंगटा को चार-चार साल की सजा सुनाई थी.