Varanasi : खबर है कि ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला कोर्ट में हिन्दू पक्ष द्वारा एक और याचिका दाखिल की गयी है. याचिका में मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की गयी है. हिन्दू पक्ष की इस मांग पर वाराणसी जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ एके विश्वेश ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर निर्देश दिया है कि वह याचिका पर यदि कोई आपत्ति हो तो दर्ज करायें.
Court issued a notice over our application for carbon dating & demanded objections from Muslim side; disposal on Sept 29. Court rejected the 8 weeks time (sought by mosque committee to prepare for next hearing): Vishnu S Jain, representing the Hindu side in Gyanvapi mosque case pic.twitter.com/GRsvHiETrV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 22, 2022
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विष्णु शंकर जैन ने कहा, 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है
इस संबंध में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था. हम शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग कर रहे हैं. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह एक फव्वारा है, हम कहते हैं कि यह शिवलिंग है. एक स्वतंत्र निकाय को इसकी जांच और पता लगाना है. हमारे द्वारा कार्बन डेटिंग की मांग के लिए एक आवेदन दाखिल किया गया है.
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कोर्ट ने कार्बन डेटिंग के लिए नोटिस जारी किया

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कोर्ट ने कार्बन डेटिंग के लिए हमारे आवेदन पर नोटिस जारी किया है और मुस्लिम पक्ष से आपत्ति की मांग की है. कहा कि 29 सितंबर को मामले को निपटा दिया जायेगा. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तैयारी के लिए मस्जिद समिति द्वारा मांग की गयी 8 सप्ताह के समय को खारिज कर दिया है.
जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की दलील खारिज कर दी है
जानकारी के अनुसार याचिका में यह भी मांग की गयी है कि कमीशन को जमीन भेदक रडार (ground penetrating radar) द्वारा संरचना के नीचे जमीन की खुदाई करने का निर्देश दिया जाये. ताकि 16 मई को एएसआई सर्वेक्षण के दौरान मिली संरचना की प्रकृति का पता लगाया जा सके. बता दें कि 12 सितम्बर को जिला अदालत ने कहा था कि श्रृंगार गौरी पर पूजा की इजाजत वाली याचिका पर सुनवाई होगी. जिला अदालत ने मुस्लिम पक्ष की प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट की दलील खारिज कर दी थी.