Ranchi : अधिवक्ता परिषद, झारखंड ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पखवाड़ा के उपलक्ष में रविवार को आईएमए भवन रांची में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम सुबह के 10:30 से दोपहर 1:30 बजे तक चला. इस अवसर पर “नारी सशक्तीकरण में महिला अधिवक्ताओं की भूमिका” (The role of female advocates in women ‘s empowerment) विषयक विचार-गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इसमें झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस. चंद्रशेखर मुख्य अतिथि, वहीं न्यायाधीश दीपक रौशन विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए.
मौके पर न्यायमूर्ति एस. चंद्रशेखर ने महिला सशक्तीकरण पर विचार रखते हुए कहा कि विश्व में महिलाओं का पहला सम्मेलन इस सदी से पूर्व ही हुआ था. उसके बाद से लगातार हो रहे सम्मेलनों में महिला एवं पुरुष दोनों को हर सामाजिक दष्टिकोण से समान रूप से देखने पर जोर दिया जाता रहा है. इसलिए आज की जरूरत है कि परिवार में समानता पर विशेष बल दिया जाए और ऐसे सम्मेलनों के द्वारा जागरुकता लायी जाए. वहीं दूसरी ओर विशिष्ठ अतिथि न्यायमूर्ति दीपक रौशन ने कहा कि आज के समाज में महिला ही महिलाओं पर अत्याचार करने लगी है. जिस पर विशेष जागरुकता की आवश्यकता है. इसलिए इस तरह के कार्यक्रम की जितनी प्रशंसा की जाये कम है.
मीरा ताई खडकर ने समाज में नारी सशक्तीकरण के लिए महिला अधिवक्ताओं की भूमिका पर प्रकाश डाला एवं कहा कि महिला अधिवक्ता अगर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी शक्ति के साथ करे तो समाज के अंतिम नारी तक न्यायिक व्यवस्था सुलभ, सरल एवं सस्ती हो सकती है. अतः महिला अधिवक्ताओं को उस ओर ध्यान देकर न्यायिक व्यवस्था को समाज के अंतिम महिला तक पहुंचाने का कार्य करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता परिषद राष्ट्रीय विचारों को राष्ट्र में संगठित करने का एक राष्ट्रीय संगठन है. संगठन में नारी का सशक्तीकरण अहम विषय है, जिसके तहत नारी न तो कभी अबला थी न ही रहेगी के विचारों के साथ हम नारी सशक्तीकरण का काम करते हैं.
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् के गायन से किया गया तथा अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर, भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी. स्वागत भाषण श्वेता सिंह के द्वारा दिया गया. वहीं प्रदेश मंत्री किरण सुषमा खोया के द्वारा अधिवक्ता परिषद् के संबंध में जानकारी दी गयी. वहीं मशहूर कवित्री सारिका भूषण ने कविता पाठ कर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता न्यायाधीश (अवकाश प्राप्त) मीरा ताई खडकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद्, झारखंड उच्च न्यायालय एडवोकेट एसोसिशन की अध्यक्ष रितू कुमार, प्रख्यात कवित्री सारिका भूषण, झारखंड उच्च न्यायालय की अधिवक्ता वंदना सिंह, प्रांत महिला प्रमुख महामाया राय, प्राचार्या अचार्यकुलम सुजाता कौर तथा प्रांतीय उपाध्यक्ष बी कामेश्वीरी विशेष रूप से मंचासीन थे.
पूरे कार्यक्रम में विशेष रूप से परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुनील कुमार (पटना), प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र कुमार मिश्र, महामंत्री विजय नाथ कुंवर (बोकारो), संरक्षक अनिल कुमार कश्यप, राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रशांत विद्यार्थी, प्रभात कुमार सिन्हा, राजकुमार शर्मा, डॉ. संतोष पाण्डेय, भीम महतो, राधे कृष्ण गुप्ता, चंद्र भूषण ओझा, पवन पाठक, मिथलेश पाण्डेय, गोपाल कृष्ण नेताई, प्रमोद गुप्तार, विभा बक्शी, लीना मुखर्जी, साधना कुमार, दर्शना पोद्दार, अस्मिता श्रीवास्तव, ज्योति कश्यप, पुनम, प्रदीप कुमार चौरसिया, अमरदीप प्रजापति, सत्येंद्र गंझू, प्रवीण पाण्डेय, हराधन प्रमाणिक, पिंकी साव, रमित सत्येन्द्र , रवि प्रकाश, रंजना मुखर्जी के अलावे कई वरिष्ठ अधिवक्तागण, एडवोकेट एसोसिएशन के पदाधिकारीगण, परिषद के राष्ट्रीय-क्षेत्रीय- प्रांतीय-जिलों के पदाधिकारीगण, सम्मलेन के सभी आयोजन समितियों के प्रमुख, सभी आयाम के प्रमुख, मार्गदर्शकगण, राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य एवं अधिकारीगण विशेष रूप से उपस्थित थे. कार्यक्रम में पूरे झारखंड से लगभग ढाई सौ महिला एवं पुरुष अधिवक्ता उपस्थित रहे. यह जानकारी झारखंड अधिवक्ता परिषद के प्रदेश मीडिया सह प्रमुख रीतेश कुमार बॉबी ने दी.
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