Kiev : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर कब्जा जमाने की कवायद शुरू कर दी. खबर आयी है कि पुतिन ने आज शुक्रवार तड़के खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है. समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, इन दोनों क्षेत्रों की आजादी से जुड़े दस्तावेजों पर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिये हैं.
US: Senate approves USD 12.3 billion aid for Ukraine in war against Russia
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— ANI Digital (@ani_digital) September 30, 2022
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युद्ध में तेजी आने का संकेत
दस्तावेजों के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति का फैसला अंतर्राष्ट्रीय कानून के सार्वभौमिक सिद्धांतों और मानदंडों पर आधारित है. संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित लोगों की समानता और आत्मनिर्णय के सिद्धांत को स्वीकार और पुष्टि करता है और एक जनमत संग्रह में जनता की इच्छा के संबंध में है.
बता दें कि फरवरी में लुहांस्क और दोनेत्स्क तथा इससे पहले क्रीमिया के लिए इसी तरह के कदम उठाये गये थे. जानकारों के अनुसार शुक्रवार को यूक्रेन के और अधिक हिस्से पर कब्जा करने की रूस की योजना सात महीने के युद्ध में तेजी आने का संकेत है.
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पश्चिमी देशों के अधिकारियों ने जनमत संग्रह की निंदा की
रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को अतिरिक्त सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक समर्थन मिलेगा. रूस ने इन क्षेत्रों की स्वतंत्रता को तब मान्यता दी है जब कुछ दिनों पहले उसने जनमत संग्रह कराया था. यूक्रेन और पश्चिम देशों के अधिकारियों ने जनमत संग्रह के लिए हुए मतदान को गैरकानूनी बताकर इसकी निंदा की है. पुतिन के इस फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन के संप्रभु क्षेत्र पर रूस के दावों को अमेरिका कभी मान्यता नहीं देगा.
खेरासन और जापोरिजिया क्षेत्र में जनमत संग्रह कराया गया था
बाइडेन ने जनमत संग्रह की निंदा करते हुए कहा कि यूक्रेन के क्षेत्रों में रूस समर्थक बलों को एक दिखावा के रूप में आयोजित किया गया था. बता दें कि 23 से 27 सितंबर तक डीपीआर, एलपीआर के साथ ही खेरासन और ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में जनमत संग्रह कराया गया था. इसमें सवाल पूछा गया था कि क्या आप यूक्रेन छोड़कर, एक स्वतंत्र राज्य बनाने और रूसी संघ में शामिल होने के पक्ष में हैं? इससे पहले पुतिन ने कहा था कि मॉस्को इस जनमत संग्रह के दौरान किये गये फैसले का समर्थन करेगा.
पुतिन ने पहले भी दो राज्यों को दी थी स्वतंत्र देश की मान्यता
इससे पहले फरवरी में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों लुहान्सक और दोनेत्स्क को स्वतंत्र देश की मान्यता दी थी. इन दोनों ही क्षेत्रों में रूस समर्थित अलगाववादियों का नियंत्रण था. पुतिन ने इसके बाद कई अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. उनके आदेश के मुताबिक, अब रूसी सेनाएं यूक्रेन के इन अलगाववादी क्षेत्रों में घुसकर शांति कायम करने का काम करेंगी. रूस के इस फैसले के बाद यूक्रेन-रूस के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.
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