Doha : कतर में इन दिनों विश्व कप फुटबॉल का खुमार छाया हुआ है. इसी बीच खबर आयी है कि कतर के स्थानीय लोग यहां से भागकर विदेशों में शरण लेने का कवायद में है. एक बड़ी खबर यह है कि इस देश (कतर) की एक राजकुमारी को ब्रिटेन में शरण लेनी पड़ी है, क्योंकि उसे डर कि ट्रांसजेंडर होने की वजह से उसे प्रताड़ना मिल सकती है. जान लें कि फीफा वर्ल्ड कप 2022 की मेजबानी करने वाले इस खाड़ी देश में समलैंगिकता पर प्रतिबंध है. लेकिन कुछ लीक दस्तावेजों के हवाले से संडे टाइम्स ऑफ लंदन ने ट्रांसजेंडर प्रिंसेस की कहानी का दुनिया भर में खुलासा कर हड़कंप मचा दिया है.
इसे भी पढ़ें : रेवड़ी कल्चर की राजनीति पर पीएम का हल्ला बोल, भारत की अर्थव्यवस्था तबाह कर देना चाहते हैं ये स्वार्थी नेता
प्रिंसेस कतर के शासक परिवार अल थानी की मेंबर है
दस्तावेजों के अनुसार, राजकुमारी (प्रिंसेस) कतर के शासक परिवार अल थानी की मेंबर है. उसने ब्रिटेन के होम ऑफिस, आप्रवासन और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसी को बताया है कि उसका बचपन परेशानियों से भरा रहा है. प्रिंसेस ने लिखा है मैं एक महिला के रूप में पैदा हुई थी लेकिन भीतर से पुरुष थी. कतर में गे होना कानूनन दंडनीय अपराध और मौत की सजा के बराबर माना जाता है.
इसे भी पढ़ें : कर्नाटक के मंदिरों में अब सलाम आरती नहीं, संध्या आरती होगी, टीपू सुल्तान के समय का चलन बदलेगा
अपने भाइयों से शादी नहीं करना चाहती
दस्तावेजों के अनुसार राजकुमारी 2015 की गर्मियों में लंदन की फैमिली ट्रिप के दौरान फरार हो गयी थी और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कहीं छिप गयी थी. जान लें कि ब्रिटिश सरकार से शरण मांगने के लिए आवेदन में राजकुमारी ने कतर के शासक परिवार से भाग जाने के अपने सपने के बारे में भी लिखा है. उसने लिखा कि मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी जिंदगी कचरे में फेंक दी गयी हो. मैं कभी भी अपने परिवार के बाकी लोगों की तरह अपने चचेरे भाइयों से शादी नहीं करना चाहती थी. मेरे भाई जो कुछ करने जा रहे थे, मैं उससे भयभीत थी.
तीन साल की सजा का प्रावधान
समलैंगिकता पर कतर का प्रतिबंध इस साल पूरे वर्ल्ड कप में एक बहस का मुद्दा रहा है.बता दें कि फीफा ने सात यूरोपीय टीमों को भेदभाव विरोधी वन लव आर्मबैंड पहनने से रोक दिया था. कतर में समलैंगिकता में पकड़े जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है.