London : ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ-II का अंतिम संस्कार किया गया. एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को भारतीय समयानुसार रात करीब 1.40 बजे दफनाया गया. अंतिम संस्कार की तमाम रस्में डीन ऑफ वेस्टमिंस्टर डेविड होयले ने पूरी कराईं. उनके साथ केंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी मौजूद रहे. इस दौरान परिवार के लोग भी मौजूद रहे. अंतिम संस्कार से पहले एलिजाबेथ के ताबूत को स्टेट गन कैरिज ले जाया गया. यहां रॉयल फैमिली भी मौजूद थी, जो एलिजाबेथ के ताबूत के साथ चलती रही. इसके बाद ताबूत को विंडसर कैसल में रॉयल वॉल्ट में उतारा गया था.
द्रौपदी मुर्मू समेत दुनियाभर से महारानी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे लोग
क्वीन के निधन पर शोक जताते हुए प्राइम मिनिस्टर लिज ट्रस ने छोटा भाषण दिया. इसके बाद शाही परिवार की तरफ से एक प्रस्ताव पढ़ा गया. फिर दो मिनट का मौन रखा गया. इसके साथ ही स्टेट फ्यूनरल की रस्में पूरी हो गयी. इस दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिकन प्रेसिडेंट बाइडेन समेत दुनियाभर से आये राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे. स्टेट फ्यूनरल के बाद बाइडेन समेत कुछ राष्ट्राध्यक्ष अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो गये.
125 सिनेमा हॉल में हुआ लाइव प्रसारण
एलिजाबेथ को अंतिम विदाई देने के लिए ब्रिटेन समेत दुनियाभर से लोगों की भीड़ उमड़ी. इस दौरान ब्रिटेन के लोगों की जिंदगी थम सी गयी. महारानी की आखिरी झलक देखने के लिए पार्लियामेंट स्क्वायर से विक्टोरिया स्ट्रीट तक लोगों की भीड़ इकट्ठा थी. इतना ही नहीं महारानी के अंतिम संस्कार का लाइव प्रसारण देशभर के 125 सिनेमा हॉल में किया गया.
भारत की राष्ट्रपति मुर्मू ने शोक पुस्तिका में लिखा संदेश
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी दिवंगत महारानी के अंतिम दर्शन किये और भारत की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने एलिजाबेथ द्वितीय की शोक पुस्तिका में संदेश भी लिखा. द्रौपदी मुर्मू एलिजाबेथ के अंतिम विदाई समारोह में शामिल होने के लिए 17 सितंबर को ही ब्रिटेन पहुंच गयी थीं. बता दें कि 96 साल की महारानी एलिजाबेथ-II का निधन 8 सितंबर को हुआ था. एलिजाबेथ 1952 में ब्रिटेन की महारानी बनी थीं. वे 70 साल तक महारानी रहीं. एलिजाबेथ सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं 15 और देशों की भी क्वीन थीं.