LagatarDesk : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अक्सर भारत की इकोनॉमी को लेकर बयान देते हैं. इस बार रघुराम राजन ने इकोनॉमी को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर भारत सुधारात्मक कदम नहीं उठाता है तो इकोनॉमी की ग्रोथ धीमी पड़ सकती है. अगर रिफॉर्म की तरफ सही कदम नहीं उठायेंगे तो देश में तेजी से ग्रोथ मुमकिन नहीं है. यह बाते रघुराम राजन ने स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा. (पढ़ें, संजय राउत के खिलाफ वारंट जारी, पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पत्नी ने दायर किया है मानहानि का केस)
चीन की इकोनॉमी भारत से 5 गुनी बड़ी
रघुराम राजन ने अपने बयान में चीन की इकोनॉमी पर भी बात की. राजन ने कहा कि भले ही भारत की इकोनॉमी 3 लाख करोड़ डॉलर है. फिर भी भारत को चीन की अर्थव्यव्स्था को पीछे छोड़ने के लिए लंबा सफर तय करना होगा. उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था भारत से 5 गुना बड़ी है.
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आर्थिक सुधारों के बावजूद इकोनॉमी की रफ्तार धीमी
रघुराम राजन ने कहा कि भारत में अक्सर सुधार को लेकर राजनैतिक मतभेद शुरू हो जाते हैं. जिससे देश का विकास धीमा पड़ सकता है. राजन ने कहा कि इस वक्त देश में आर्थिक सुधारों का प्रयास करने वाली सरकार है. लेकिन दुर्भाग्यवश इन सुधारों को लेकर व्यापक सहमति नहीं बन रही है. राजन ने कृषि कानूनों का उदाहरण देकर कहा कि सुधारों को लेकर व्यापक सहमति नहीं बनने की बात कही. उन्होंने कहा कि महीनों चले आंदोलन के बाद आखिरकार सरकार को 19 नवंबर को इसे वापस लेना पड़ा. जिसकी वजह से भारत की इकोनॉमी की रफ्तार धीमी पड़ जा रही है.
वित्त वर्ष 2022 में 8.7 फीसदी रहेगी इकोनॉमी
रघुराम राजन ने साल 2022 में भारत की जीडीपी ग्रोथ को लेकर भी कहा. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की जीडीपी 8.7 फीसदी की दर से ग्रो कर सकती है. वहीं मीडियम टर्म में भारत की वृद्धि दर घटकर 6 फीसदी के आसपास रहने का अनुमान है. लेकिन इस बात का ध्यान रखना होगा कि यह दर इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इसका बेस काफी कम है.
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