हॉर्स ट्रेडिंग और मैनहर्ट मामले की जांच के बाद थे शांत, बीजेपी का सपोर्ट मिलते ही हुए हमलावर
बीजेपी के मंच से रघुवर ने एक महीने में की 3 प्रेस कॉन्फ्रेंस, तीनों में सोरेन परिवार निशाने पर था
Ranchi: अपने कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों की फाइलें खुलने और उनकी जांच से तिलमिलाये पूर्व सीएम रघुवर दास भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमलावर हो गये हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर खुलकर आरोप लगा रहे हैं. जिस तरह हेमंत सरकार रघुवर के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों की फाइलें जमा कर रही है, वैसे ही अब रघुवर ने भी हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ डॉक्यूमेंट इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. पत्थर खदान लीज मामले में पूरे डॉक्यूमेंट के साथ वे मुख्यमंत्री को चुनौती दे रहे हैं.
इस बार खास बात ये है कि रघुवर दास मुख्यमंत्री और सरकार को घेरने के लिए इस बार पार्टी के मंच का उपयोग कर रहे हैं. हेमंत सोरेन के लीज मामले पर उन्होंने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और फिर बीजेपी नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलकर हेमंत को विधायक और मुख्यमंत्री पद से अयोग्य घोषित करने की मांग की.
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जब-जब सरकार को चुनौती दी तब खुली गड़बड़ियों की फाइल
रघुवर दास ने जब-जब सरकार को चुनौती दी तब उनके कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों की फाइलें खुली. जिस तरह से वे पिछले एक महीने से हेमंत सोरेन और उनके परिवार पर हमलावर थे, उससे लग रहा था कि जल्द ही किसी न किसी मामले की फाइल खुलेगी. मैनहर्ट और राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच के आदेश के बाद टॉफी-टीर्शट घोटाला मामले में सरकार ने एसीबी जांच की अनुशंसा की. मैनहर्ट मामले में जब रघुवर दास घिरे तब बीजेपी ने उनसे किनारा कर लिया. इस मामले में पार्टी का सपोर्ट नहीं मिलता देख रघुवर भी शांत हो गये.
वहीं 2016 के राज्यसभा चुनाव हॉर्स ट्रेडिंग मामले में रघुवर के खिलाफ पीसी एक्ट के तहत मामला चलाने के आदेश के बाद भी रघुवर को कुछ खास सपोर्ट बीजेपी से नहीं मिला, लेकिन टॉफी-टीशर्ट घोटाला मामले जांच के आदेश के बाद रघुवर को पार्टी का पूरा सपोर्ट मिल रहा है.
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सरकार को घेर बीजेपी में तेजी से कमबैक कर रहे रघुवर
दो मामलों की जांच के आदेश के बाद अलग-थलग पड़े रघुवर बीजेपी की प्रदेश और केंद्रीय राजनीति में तेजी से सक्रिय हुए हैं. पिछले एक महीने में उन्होंने पार्टी के मंच से तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इन तीनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीधे तौर पर उनके निशाने पर हेमंत सोरेन और उनका परिवार था. वहीं दो बार बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल के साथ राजभवन गये. दिल्ली में हुई प्रदेश के सांसदों की बैठक में भी वे मौजूद रहे. सरकार को प्रभावशाली तरीके से घेरने की वजह से पार्टी अब उन्हें भरपूर सहयोग कर रही है. जिस तेजी से रघुवर बीजेपी में कमबैक कर रहे हैं उससे साफ लग रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही प्रदेश में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. राज्यसभा चुनाव के लिए वैसे भी उनका नाम आगे चल रहा है.
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और बढ़ सकती है रघुवर की मुश्किलें, जेएमएम ने दे दी है चेतावनी
25 फरवरी से झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला है. सत्र से पहले रघुवर दास ने बीजेपी को मुख्यमंत्री को घेरने के लिए एक बड़ा मुद्दा दे दिया है. जाहिर है इतने बड़े मुद्दे को बीजेपी विधानसभा सत्र में हाथ से जाने नहीं देगी. बीजेपी को मुद्दा और रघुवर को पार्टी का सपोर्ट तो मिल गया है, लेकिन रघुवर की मुश्किलें अभी कम होने वाली नहीं दिखती. अब जब सालों से पड़े फाइलों पर जमी धूल हटने लगी है तो साफ है कि रघुवर के कार्यकाल की कई और फाइलें भी खुलेंगी.
जेएमएम की बातों से इसका संकेत मिल गया है.जेएमएम ने कहा है कि रघुवर दूसरी दुनिया में हैं. उन्हें बहुत जल्द धरातल पर लाया जाएगा. हेमंत सरकार रघुवर के कार्यकाल में सभी कार्य और निर्णयों की तथ्यपरक समीक्षा कराकर पर्दाफाश करेगी.
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