New Delhi : विपक्षी गठबंधन में शामिल कई प्रमुख दलों ने नेताओं ने संपत्ति बांटने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन पर जहरीली भाषा का इस्तेमाल करने और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के प्रयास का आरोप लगाया. लोगों का आह्वान किया कि वे इस बयान के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत करें. कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 2021 की जनगणना नहीं कराना बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान को खत्म करने की साजिश है.
देश में बेरोज़गारी और महंगाई का पीक है,
और नरेंद्र मोदी कहते हैं सब कुछ ठीक है।उनके पास ‘मुद्दों से भटकाने’ की नई-नई तकनीक हैं,
पर झूठ के कारोबार का अंत अब नज़दीक है। pic.twitter.com/NwPj8OuYar— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 22, 2024
पहले चरण के मतदान में निराशा हाथ लगने के बाद नरेंद्र मोदी के झूठ का स्तर इतना गिर गया है कि घबरा कर वह अब जनता को मुद्दों से भटकाना चाहते हैं।
कांग्रेस के ‘क्रांतिकारी मेनिफेस्टो’ को मिल रहे अपार समर्थन के रुझान आने शुरू हो गए हैं।
देश अब अपने मुद्दों पर वोट करेगा, अपने…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 21, 2024
#WATCH | Ernakulam, Kerala: Congress General Secretary KC Venugopal says, “Election should be fought with harmonious mindset… That should begin with the Prime Minister itself… He is lying about everything and entirely misquoting the Congress’ manifesto. That’s why we have… pic.twitter.com/qePxsVCVpJ
— ANI (@ANI) April 22, 2024
This is atrocious!
The silence of the Election Commission is more atrocious!!
Modi’s inflammatory speech is a gross violation of the Moral Code of Conduct & Supreme Court pronouncemnts on Hate Speech. Merits strictest action & contempt of Court. pic.twitter.com/dwNWLMQN6u— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 22, 2024
देश में बेरोजगारी और महंगाई पीक पर है
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अब झूठ के कारोबार’ का अंत नजदीक है. उन्होंने कहा, देश में बेरोज़गारी और महंगाई का पीक (उच्चतम स्तर) है और नरेन्द्र मोदी कहते हैं- सब कुछ ठीक है. उनके पास मुद्दों से भटकाने की नयी-नयी तकनीक हैं, पर झूठ के कारोबार का अंत अब नजदीक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को राजस्थान की एक चुनावी सभा में कहा था कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है.
सीताराम येचुरी ने कहा, प्रधानमंत्री की टिप्पणी आपत्तिजनक है
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी आपत्तिजनक है, लेकिन चुनाव आयोग की चुप्पी बदतर है. येचुरी ने कहा, मोदी का भड़काऊ भाषण आदर्श आचार संहिता और नफरत भरे भाषण पर उच्चतम न्यायालय के फैसलों का घोर उल्लंघन है. उन्होंने कहा, सख्त कार्रवाई और अदालत की अवमानना का मामला बनता है. उन्होंने यह भी कहा, उम्मीद है कि उच्चतम न्यायालय इस भड़काऊ भाषण पर स्वत: संज्ञान लेगा और मोदी को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करेगा और उसके बाद कड़ी सजा दी जायेगी.
नागरिकों द्वारा हस्ताक्षरित याचिका चुनाव आयोग को भेजी जायेगी
माकपा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि संबंधित नागरिकों द्वारा हस्ताक्षरित एक याचिका आज दिन में चुनाव आयोग को भेजी जायेगी. तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने भी लोगों से मोदी की टिप्पणी पर चुनाव आयोग को पत्र लिखने की अपील की. उन्होंने एक्स पर किए एक पोस्ट में मुख्य चुनाव आयुक्त की ईमेल आईडी साझा की और लोगों से इस पर शिकायत भेजने का आग्रह किया. गोखले ने कहा, चुनाव आयोग विपक्ष की अनदेखी करता है और मोदी और भाजपा को खुली छूट देता रहा है. चुनाव के दौरान, चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के प्रति जवाबदेह नहीं है. लेकिन वे भारत के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं.
मोदी ने ऐसे बयान दिये जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देते
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पीएम मोदी पर चुनावी लाभ के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पैदा करने के प्रयास का आरोप लगाया. कहा कि मोदी ने ऐसे बयान दिये जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देते. वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री कुछ ऐसी बात कर रहे हैं जो कांग्रेस के घोषणापत्र में है ही नहीं. प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी घोषणापत्र के बारे में प्रधानमंत्री को ‘जानकारी देने’ के लिए उनसे मिलने का समय मांगा है.