NewDelhi : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बातचीत के क्रम में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अगला साल मुश्किल साबित हो सकता है.बता दें कि RBI के पूर्व गवर्नर बुधवार को राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान के सवाई माधोपुर में शामिल हुए थे. इस क्रम में दोनों के बीच आर्थिक असमानता सहित अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई. रघुराम राजन ने कहा, बढ़ती हुई असमानता बड़ी समस्या है. यह सिर्फ़ चुनिंदा उद्योगपतियों की बात नहीं है. कहा कि उच्च मध्यवर्ग की आय भी महामारी के दौरान बढ़ गयी, क्योंकि वे घर से काम कर सकते थे. ग़रीब लोगों को कारखानों में जाकर काम करना पड़ता था. लेकिन फ़ैक्ट्रियां बंद होने से उन्हें मासिक आय नहीं हुई.
“We were slowing before the pandemic. We had gone from 9 (%) to 5 (%). We haven’t generated reforms which will generate growth”
Former RBI governor Mr Raghuram Rajan and Shri Rahul Gandhi had an insightful discussion on India’s growth.
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— Congress (@INCIndia) December 15, 2022
बेरोजगारी से निपटने के लिए हमें प्राइवेट सेक्टर को बढ़ाना होगा। अगर कृषि में तकनीक का प्रयोग करें तो वहां भी रोजगार बढ़ सकता है।
RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन जी ने राहुल गांधी जी से कहा
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महामारी के दौरान निम्न मध्यवर्ग को भारी नुकसान हुआ
रघुराम राजन ने कहा कि महामारी के दौरान खाई गहरी हो गयी. जो सबसे गरीब है, उन्हें तो राशन आदि मिलता है. अमीरों का कोई नुक़सान नहीं हुआ है. लेकिन निम्न मध्यवर्ग को भारी नुक़सान हुआ. इस वर्ग की नौकरियां चली गयीं, बेरोजगारी बढ़ रही है, इस वर्ग के लोग कर्ज ज्यादा ले रहे हैं. ब्याज दर बढ़ रही है. इस वर्ग को काफी नुक़सान हुआ है. ऐसे में हमें उनके लिए नीतियां बनानी चाहिए. बता दें कि जब पूर्व गवर्नर के साथ बातचीत के क्रम में राहुल गांधी ने कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में आर्थिक शक्ति के केंद्रित होने पर सवाल किया, तो इस पर रघुराम राजन का कहना था कि मुझे लगता है कि हमें इस तरफ़ भी ध्यान देने की ज़रूरत है. हम पूंजीवाद के ख़िलाफ़ नहीं जा सकते. लेकिन हमें प्रतिस्पर्धा के लिए संघर्ष करना है.
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क्या हम मोनोपॉली के खिलाफ हो सकते हैं?
इस पर राहुल गांधी का सवाल था कि आपके कहने का मतलब यह है कि हम मोनोपॉली के ख़िलाफ हो सकते हैं? रघुराम राजन ने कहा, जी हां, हम मोनोपॉली के खिलाफ़ हो सकते हैं. लेकिन पूंजीवाद तो…ये जो छोटे व्यवसायी और बड़े उद्योगपति दोनों देश के लिए अच्छे हैं. लेकिन मोनोपॉली अच्छी नहीं है. जान लें कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा की राजनीतिक आलोचना करते हुए अंबानी और अडानी जैसे भारत के टॉप उद्योगपतियों का जिक्र करते रहे हैं.
पहली क्रांति सर्विस सेक्टर में आ सकती है
राहुल गांधी ने पूछा कि भारत में किस तरह की आर्थिक क्रांति आ सकती है. इस क्रम में पूछा कि भारत में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और कंप्यूटर क्रांति के बाद अब कौन-सी क्रांति आ सकती है.इस पर रघुराम राजन का जवाब था कि पहली क्रांति सर्विस सेक्टर में आ सकती है. हम यहां से बैठकर अमेरिका के लिए काम कर सकते हैं. हम यहां के डॉक्टर से वहां टेलि-मेडिसिन सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं और भारी मात्रा में फ़ॉरेन एक्सचेंज कमा सकते हैं. सेवाओं का निर्यात हमें निर्यात की दुनिया में सुपरपावर बना देगा. साथ ही कहा कि एक दूसरी हरित क्रांति भी हो रही है. अगर हम उस पर ज़ोर दें तो हम पवन-चक्कियां बनाने में सबसे आगे हो सकते हैं. हम अपनी इमारतों को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त कर सकते हैं.
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भारत में महंगाई की समस्या खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से जुड़ी है
भारत की मौजूदा आर्थिक स्थितियों पर कहा कि अगला साल इस साल से भी ज़्यादा मुश्किल होने वाला है क्योंकि इस साल युद्ध की वजह से कई समस्याएं थीं. दुनिया में आर्थिक विकास की रफ़्तार धीमी होने जा रही है क्योंकि ब्याज दरें बढ़ाई जा रही हैं जो कि विकास दर कम करता है. भारत पर भी इसका असर होगा. भारत में बढ़ती महंगाई को लेकर उन्होंने कहा, “भारत में महंगाई की समस्या खाने-पीने की चीज़ों के दाम बढ़ने से जुड़ी है जो कि आर्थिक विकास के लिए नकारात्मक है. अगर हम अगले साल पांच फ़ीसद की दर से भी बढ़े तो हम क़िस्मत वाले होंगे. इन आंकड़ों के साथ समस्या यह है कि आपको समझना होगा कि आप इनकी तुलना किस आंकड़े से कर रहे हैं.
मोदी का शुक्रिया कि भारत अब यह ग़लती नहीं दोहरायेगा
भाजपा ने रघुराम राजन के साथ राहुल गांधी की बातचीत पर निशाना साधा है, कहा कि राजन को कांग्रेस ने ही नियुक्त किया था, ऐसे में उनके साथ बातचीत पर किसी तरह का आश्चर्य नहीं होना चाहिए. भाजपा में विदेश मामलों के प्रमुख विजय चौथाईवाले ने ट्वीट किया, एक पूर्व आरबीआई प्रमुख( मनमोहन सिंह) ने सरकार चलाई और देश ने दस साल खो दिये. मोदी का शुक्रिया कि भारत अब यह ग़लती नहीं दोहरायेगा. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने तंज कसा कि भाजपा इस मुलाक़ात को लेकर इसलिए नाराज़ है, क्योंकि पीएम मोदी अर्थशास्त्रियों से नहीं मिलते और अर्थशास्त्री उनसे नहीं मिल सकते. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा भी इस विवाद में कूद पड़े. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, मोदी सरकार के पूरे मंत्री एक साथ आकर भी रघुराम राजन की क्षमताओं की बराबरी नहीं कर सकते. नोटबंदी के फ़ैसले से पहले रघुराम राजन से सलाह-मशविरा करते तो देश की अर्थव्यवस्था तबाही से बच जाती.