NewDelhi : संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही आज गुरुवार को शुरू होते ही विपक्ष ने रोज का तरह हंगामा शुरू कर दिया. इस कारण राज्यसभा 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भारत-चीन सीमा विवाद(तवांग झड़प) पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया. लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई. लोकसभा में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के जवाब से कांग्रेस असहमत दिखी. इस क्रम में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया.
ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की “लाल आँख” पर चीनी चश्मा लग गया है।
क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है ?
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 15, 2022
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CBI-ED आदि सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग पर चर्चा की मांग
इससे पूर्व कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों सहित अन्य के खिलाफ CBI-ED आदि सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत नोटिस दिया. बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर भी आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. हंगामे के चलते राज्यसभा को 15-15 मिनट के लिए दो बार स्थगित करना पड़ा. बता दें कि संसद का यह सत्र 17 दिनों तक चलने वाला है। इस दौरान सरकार संसद में 16 बिल पेश करेगी.
उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चीन से टकराव के मुद्दे पर अड़े हुए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया, ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया है. क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है?
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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा के महासचिव को लिखा पत्र
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा के महासचिव को लिखे पत्र में भारतीय और चीनी सेना के बीच 2020 गालवान संघर्ष और यांग्त्से में हुई झड़प के संबंध में कई सवाल उठाये हैं. कहा कि अगस्त, 2020 में पूर्वी लद्दाख के रिनचेन ला में हुई झड़प के बाद से दोनों सेनाओं के बीच यह पहली शारीरिक झड़प है. उन्होंने कहा, इस संबंध में सवाल पूछना जरूरी है जैसे ये झड़पें क्यों हो रही हैं? चीनी क्या चाहते हैं? क्या इन हमलों में हमने कोई क्षेत्र खो दिया है, यदि ऐसा है तो सरकार इसे वापस पाने के लिए क्या योजना बना रही है? मैं चीन के साथ सीमा की स्थिति के संबंध में संसद में विस्तृत चर्चा करने का आग्रह करता हूं. इस मामले को उठाने की अनुमति दी जाये.