Hazaribagh : हजारीबाग-चतरा मार्ग स्थित कूद में सोमवार को हजारीबाग जंक्शन पर रेल दो या जेल दो…के गगनभेदी नारे लगे. यह महाआंदोलन था रेल जोड़ो जन आंदोलन संगठन का. इससे जुड़े लोगों ने रेल रोको महाआंदोलन चला रखा था. रेल जोड़ो जन आंदोलन कमेटी के सैकड़ों आंदोलनकारी सुबह 10:30 बजे पीपल चौक कुम्हार टोली से रेलवे स्टेशन के लिए कूच किये. रेल दो या जेल दो…के नारे लगाते हुए सभी कह रहे थे कि आगाज तो हो चुका है, अब अंजाम की बारी है. रेल हमारा हक है और उसे हम लेकर रहेंगे.
रेल जोड़ो जन आंदोलन कमेटी के अध्यक्ष शशि केशरी ने कहा कि आंदोलन में एक ही मांग है कि सभी महानगरों से हजारीबाग रेलवे स्टेशन को जोड़ा जाए. इसको लेकर लगभग चार महीने पहले रेल मंत्री को अल्टीमेटम दे दिया गया था और रेलवे मंत्रालय दिल्ली जाकर भी मांग पत्र दिया गया था. हजारीबाग की जनता की ओर से आक्रोश रैली भी निकाली गई थी. 10 अक्तूबर को जन आंदोलन के दौरान भी कहा गया था कि हजारीबाग शहर में महानगरों से जोड़ने के लिए यात्री रेल सेवा दी जाए, अन्यथा आने वाले 30 जनवरी को कोयले की ढुलाई पर रोक लगाई जाएगी. परंतु रेल मंत्री ने इस बात की अनदेखी की और हजारीबाग से महानगर यात्री रेल सुविधा शुरू नहीं की गई. इसलिए सरकार तथा रेल मंत्री के समक्ष बात रखने के लिए हजारीबाग रेल जोड़ो जन आंदोलन कमेटी की ओर से रेल रोको महाआंदोलन किया गया है, ताकि मजबूती के साथ अपनी बात सरकार तक पहुंचाई जा सके.
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जनता नहीं केवल कारोबारियों की चिंंता है सरकार को : दीप प्रकाश
संगठन के प्रवक्ता दीप प्रकाश ने कहा कि सरकार सिर्फ झारखंड की खनिज संपदा, कोयला को ढोने के लिए करोड़ों-अरबों के प्रोजक्ट से हजारीबाग रेलवे स्टेशन बनायी है और बड़ी-बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का कार्य कर रही है. सरकार यहां की जनता को ठगने का कार्य कर रही है. यहां के रेलवे स्टेशन को सेल्फी प्वांइट बनाकर रख दिया गया है. जनता की तकलीफ न सरकार और न ही जनप्रतिनिधियों को दिखाई दे रही है. इसलिए जनता अपना हक लेने के लिए स्वयं पटरी पर उतरने को मजबूर हुई है. सरकार तथा जन प्रतिनिधियों में यहां की जनता के लिए थोड़ी भी संवेदना है, तो सरकार जल्द से जल्द हजारीबाग की जनता को सभी महानगरों से जोड़ने के लिए यात्री ट्रेन दे.
राकेश गुप्ता ने कहा कि प्रशासन अपना कार्य करे, हम लोग अपने कार्य के लिए कर्तव्यबद्ध हैं. जागेश्वर साव ने कहा कि आंदोलन करना हमारा मौलिक अधिकार है.
प्रशासन तथा आला अधिकारियों ने जल्द ही ट्रेन देने का आश्वासन दिया. आंदोलनकारियों ने रेल मंत्री का पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया. साथ ही यह कहा कि अगर जल्द ट्रेन नहीं दी गई, तो आने वाले समय में आंदोलन का स्वरूप और उग्र होगा.
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