Ranchi: मानसून के दौरान होने वाली भारी बारिश के कारण रेल पटरियों और पुलों की देखरेख करने के लिए रेलवे ने पेट्रोलिंग करने का आदेश दिया है. इस सीजन के दौरान पटरियों और पुलों पर पानी चढ़ने से रेल परिचालन बाधित हो जाता है. इसे देखते हुए मानसून के दौरान होने वाली परेशानियों से निपटने के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे ने ट्रैकों के रखरखाव और सतत पेट्रोलिंग के निर्देश जारी किए हैं. पानी के कारण जब रेल परिचालन बाधित हो तो जल्द से जल्द ट्रेनों की आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्देश जारी किए गए हैं.
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भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है
मानसून के दौरान झारखंड के पठारी भाग से होकर गुजरने वाली रेल पटरियों में भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही पेड़ के ट्रैक पर गिरने से परिचालन बाधित होता है. पेट्रोलिंग की व्यवस्था से तुरंत ही रेलवे ट्रैकों और पुल की स्थिति का पता लगाया जा सकता है. मध्य पूर्व रेलवे के अंतर्गत भी यह तैयारी शुरू हो चुकी है. बारिश के दौरान रेल पुलों और ट्रैकों के आसपास जल-जमाव नहीं हो इसके लिए प्रबंध किए गए हैं. साथ ही अधिकारियों की देख-रेख में लगातार निगरानी की जा रही है.
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कल्वर्ट की सफाई की गई है
बाढ़ की आपात स्थिति से निपटने के लिए चयनित स्टेशनों पर पत्थरों के बोल्डर, स्टोन डस्ट, सीमेंट की खाली बोरियां और बांस-बल्ली पर्याप्त मात्रा में तैयार रखे गए हैं. सभी कल्वर्ट की सफाई की गई है. साथ ही रेलवे ट्रैक पर पानी जमा नहीं हो इसके लिए नियमित अंतराल पर क्रॉस ड्रेन की व्यवस्था की गई है. सभी रेल पुलों पर बारिश के पानी के पैमाने के लिए डेंजर लेवल बनाए गए हैं. बारिश के दौरान जमा पानी को निकालने के लिए मोटर पंप तैयार किए गए है. इसके साथ ही पूरे मानसून के दौरान रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए चलाये जाने वाले सामान्य पेट्रोलिंग के साथ ही मानसून पेट्रोलिंग की विशेष व्यवस्था की गयी है. रात के दौरान भी रेलवे पुलों एवं ट्रैकों की पेट्रोलिंग की जाएगी.
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