Ranchi : झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र आगामी 29 जुलाई से 4 अगस्त को होना प्रस्तावित है. इसे लेकर संसदीय कार्य विभाग से एक प्रस्ताव मंत्रिमंडल (कैबिनेट) को भेजा गया है. मंत्रिमंडल से पास होने के बाद इसे राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. यह जानकारी कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने दी है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने प्रदेश के सभी राजनीतिक पार्टियों और विधायकों से अपील की है कि, वे झारखंड के विकास में एक दूसरे का सहयोग कर मॉनसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करें. विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर कांग्रेस कोटे के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, अधिकांश विधायक जैसे – दीपिका पांडे सिंह, इरफान अंसारी, अनूप सिंह, ममता देवी, अंबा प्रसाद, नमन विक्सल कोंगड़ी, शिल्पी नेया तिर्की उपस्थित थी.
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उठे मुद्दे पर आलमगीर आलम ने बात की. उन्होंने कहा विधायक दल के नेता होने के नाते अपने सभी विधायकों को निर्देश दिया है कि वे मॉनसून सत्र के सभी कार्यअवधि प्रश्नकाल, तारांकित प्रश्न, गैर संकल्पित प्रश्न के समय अपने क्षेत्र की समस्या को उठाएं, ताकि जनता की बातों को सदन में रखकर उनके विकास को प्राथमिकता मिल सके. कांग्रेस पार्टी की नवनिर्वाचित विधायक शिल्पी नेहा तिर्की को विधायक होने के तहत बधाई दी. कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह बेहतर काम करेंगी. साथ ही कांग्रेस पार्टी के किए वादों को पूरा कर जनता में पार्टी के लिए विश्वास जगाने का काम करेंगी.
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हर पार्टी को अपना निर्णय लेने की स्वतंत्रता – राजेश ठाकुर
बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के रांची दौरे पर बात की. कांग्रेस की ओर से उन्हें समर्थन दिए जाने की बातों को लेकर भी पार्टी का पक्ष रखा. राजेश ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव एक गरिमामय पद होता है. कांग्रेस पार्टी के लिए यह एक विचारधारा की लड़ाई है. यही कारण है कि यूपीए ने यशवंत सिन्हा को अपना प्रत्याशी बनाया है. जहां तक बीजेपी द्वारा एक आदिवासी को राष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने की बात है, तो होना तो यह चाहिए था कि पहले आदिवासियों के प्रमुख सरना धर्म कोड का मुद्दा, जिसे हमारी सरकार ने विधानसभा से पास कराया था, उसे स्वीकृति देने की पहल केंद्र की भाजपा सरकार करती.
लेकिन ऐसा ना कर उन्होंने आदिवासी कार्ड खेल राजनीति करने का काम किया है. राष्ट्रपति चुनाव में जेएमएम की ओर से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दिए जाने के सवाल पर राजेश ठाकुर ने कहा, राज्य में गठबंधन विधानसभा चुनाव को लेकर हुआ था ना कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर. हर पार्टी को अपना निर्णय लेने की स्वतंत्रता है.
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