Ranchi : राज्यसभा चुनाव-2016 हॉर्स ट्रेडिंग मामले में डीजी अनुराग गुप्ता और रघुवर दास के प्रेस सलाहकार रहे अजय कुमार पर अब केस नहीं चलेगा. जगन्नाथपुर थाने में दर्ज मामले में दायर क्लोजर रिपोर्ट पर एसीबी की अदालत में शिकायतकर्ता गृह विभाग के अपर सचिव अविनाश चंद्र ठाकुर ने शनिवार को अपना पक्ष रखा. उन्होंने पुलिस के अनुसंधान को सही बताया. साथ ही जगन्नाथपुर पुलिस द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट पर आपत्ति नहीं जतायी. इसके बाद एसीबी की विशेष अदालत ने पुलिस के क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया.
क्लोजर रिपोर्ट दायर कर कोर्ट से किया था इस केस को बंद करने का आग्रह
इस मामले की जांच कर रहे आईओ ने जनवरी 2024 में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर इस केस को बंद करने का आग्रह कोर्ट से किया था. इसको लेकर अदालत ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था और अपना पक्ष रखने को कहा था. बता दें कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 29 मार्च 2018 को जगन्नाथपुर थाना में विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी सह वर्तमान सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में रघुवर दास को भी अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था.
अनुराग गुप्ता को विभागीय जांच में मिली थी क्लीन चिट
बता दें कि हॉर्स ट्रेडिंग मामले में जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी के आरोपित एडीजी अनुराग गुप्ता पर चल रही विभागीय जांच सितंबर 2021 में पूरी हो गयी थी. विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी डीजी एमवी राव ने (सेवानिवृत्ति) 30 सितंबर 2021 को राज्य सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिलने के कारण उन्हें क्लीन चिट मिल गयी.
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
विशेष शाखा के तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप लगा था. भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच करायी थी. आयोग ने प्रथम दृष्ट्या आरोप को सही पाते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. हॉर्स ट्रेडिंग मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) जोड़ने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग का ही था. भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद 2017 में ही हॉर्स ट्रेडिंग मामले में धारा 171बी व 171सी भारतीय दंड विधान के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाने का आदेश दिया था. तब राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी. उस वक्त सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम लगाने की अनुमति नहीं दी थी. 29 मार्च 2018 को केवल तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता और मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ जमानतीय धारा 171बी व 171सी में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.