Ayodhya : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीद विवाद पर केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी है. सभी आरोपों को ट्रस्ट ने विपक्षी पार्टियों की साजिश करार दिया है. खबर है कि ट्रस्ट ने केंद्र सरकार के अलावा भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में जमीन खरीद के बारे में सभी जानकारी दी गयी है.
इसमें समझाया गया है कि कैसे दाम अलग-अलग हैं. ट्रस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कथित जमीन घोटाले के आरोप भाजपा विरोधियों द्वारा लगाये जा रहे हैं. बता दें कि विपक्ष ने आरोप लगाया है कि जिस जमीन का दाम दस मिनट पहले सिर्फ 2 करोड़ रुपये था, उसे ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपये में खरीदा.
इसे भी पढ़ें : दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, प्रदर्शन करना आतंकवाद नहीं, दंगा मामले में गिरफ्तार देवांगना कलिता, नताशा नरवाल सहित तीन को जमानत दी
जमीन प्राइम लोकेशन पर है इसलिए उसके दाम अधिक हैं.
आज मंगलवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीद को लेकर कुछ फैक्ट जारी किये गये हैं. इनमें दावा किया गया कि जो जमीन ली गयी है, वह प्राइम लोकेशन पर है इसलिए उसके दाम अधिक हैं. जितनी जमीन की खरीद हुई है, उसका दाम 1423 प्रति स्क्वायर फीट है. इस डील को लेकर दस साल से बात चल रही थी, जिसमें नौ लोग शामिल थे.
इसे भी पढ़ें : गलवान घाटी में झड़प का एक साल, 43 प्रतिशत भारतीयों ने 12 महीनों में मेड इन चाइना सामान नहीं खरीदा : सर्वे
विपक्षी दलों का आरोप है कि जमीन खरीद में घोटाला हुआ है
समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा आरोप लगाया गया है कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर के लिए साढ़े 18 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी है. इस जमीन की कीमत सिर्फ 10 मिनट पहले 2 करोड़ रुपये थी, ऐसे में विपक्षी दलों का आरोप है कि जमीन खरीद में घोटाला हुआ है. पार्टियों ने इसे करोड़ों लोगों की आस्था से धोखा करार दिया है, जांच की मांग की है और ट्रस्ट के सदस्यों से इस्तीफा मांगा है.
इसे भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने इटालियन मरीन के खिलाफ बंद किया केस , केरल के मछुआरों के परिवार को 4-4 करोड़ का मुआवजा
ट्रस्ट सभी के निशाने पर है
जब से जमीन खरीद में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं, तभी से ट्रस्ट सभी के निशाने पर है. हालांकि, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अपना बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया है. ट्रस्ट द्वारा कहा गया है कि जो आरोप लगे हैं वो राजनीतिक हैं. जिनसे जमीन खरीदी गयी है, उनसे काफी पहले की डीलिंग हुई है, क्योंकि अभी जमीन के दाम ज्यादा हैं, ऐसे में इतने दाम में जमीन ली गयी है. ट्रस्ट का दावा है कि अभी भी मार्केट रेट से कम दाम पर खरीद हुई है.