Ranchi: रांची के हेहल अंचल की 7.16 एकड़ जमीन पर कथित कब्जा मामले में ranchi डीसी छवि रंजन की भूमिका संदिग्ध माना गया है. डीसी की अदालत का आदेश, आदेश के तुरंत बाद भूमि की बिक्री और फिर प्रशासनिक सहयोग (फोर्स लगाकर) से भूमि पर चाहरदिवारी करना, ये सारे काम पूर्व नियोजित थे. यह बात इस मामले की जांच के बाद रांची प्रमंडल के आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने लिखा है. उल्लेखनीय है कि रांची डीसी ने जिस 7.16 एकड़ जमीन का 83 सालों का लगान रसीद काटने का आदेश दिया था, उसकी सरकारी कीमत करीब 25 करोड़ है. जबकि जमीन कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार इस भूखंड की वर्तमान कीमत कम से 50 करोड़ रुपये होगी.
पंचनामा के आधार पर फैसला देना गलत
रांची डीसी ने जमीन के संबंध में फैसला सुनाने का आधार एक पंचनामा को माना है. जिसमें ग्रामीणों का हस्ताक्षर व अंगूठे का निशान है. पंचनामा 13 मार्च 2016 को तैयार किया गया है. इस पंचनामे के मुताबिक जमीन पर विनोद कुमार सिंह का कब्जा है. इसी आधार पर डीसी ने जमीन की जमाबंदी विनोद कुमार सिंह के पक्ष में करने का आदेश दिया है. जांच रिपोर्ट में रांची प्रमंडल के आयुक्त ने लिखा है कि हेहल अंचल के सीओ ने 7 नवंबर 2020 को अचानक से इस पंचनामे को डीसी के पास भेजा. चार साल बाद इस पंचनामा को सीधे डीसी कार्यालय को क्यों भेजा गया, यह स्पष्ट नहीं है. इससे पहले भी इस जमीन को लेकर जिला प्रशासन की दूसरी अदालतों में सुनवाई हुई थी. लेकिन विनोद कुमार सिंह ने इस पंचनामा का जिक्र कहीं नहीं किया. आयुक्त ने बिहार टीनेट्स होल्डिंग्स (मेंटेनेंस ऑफ रिकॉर्ड) एक्ट 1973 में जमीन के नामांतरण, दाखिल-खारीज की प्रक्रिया निर्धारित है. इस एक्ट की धारा 16 में यह बात स्पष्ट है कि “पुनरीक्षण के दौरान कोई नया तथ्य, जो नीचे के न्यायालय में नहीं रखे गये थे, उसे डीसी की अदालत में नहीं रखा जा सकता. हां ऐसे मामले में डीसी के पास इस तरह के तथ्यों की समीक्षा के लिये मामले को रिमांड किया जा सकता था.
डीसी का आदेश जारी होते ही होने लगी जमीन की बिक्री
रांची डीसी छवि रंजन ने जैसे ही विनोद सिंह के पक्ष में जमीन की जमाबंदी खोलने का आदेश दिया, उसके एक माह के भीतर ही जमीन की बिक्री होने लगी. विनोद सिंह ने मार्च 2021 में जमशेदपुर निवासी रवि भाटिया और श्याम सिंह को चार डीड के माध्यम से 15.10 करोड़ की जमीन की बिक्री कर दी गई. 25 जून 2021 को डीसी छवि रंजन के ही आदेश पर सदर एसडीओ व सिटी एसपी ने जमीन पर कब्जा करने के लिए फोर्स की प्रतिनियुक्ति की.
क्या है मामला
रांची डीसी छवि रंजन ने पिछले साल सात एकड़ जमीन के मामले में 83 साल की रसीद एक ही दिन काटने का आदेश दिया था. इसे लेकर तमाम तरह के आरोप लगे. रांची कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने मामले की जांच की. कमिश्नर ने 13 पन्नों की जांच रिपोर्ट भू-राजस्व विभाग को भेज दी है. जिसमें कई रहस्योदघाटन किये गये हैं. कमिश्नर ने रांची डीसी के इस काम पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं और कार्रवाई की अनुशंसा की है.
कहां है भूखंड
रांची शहर से करीब 5 किमी दूर हेहल अंचल है. जमीन बजरा मौजा में स्थित है. जमीन की कुल रकवा 7 एकड़ है. जिसका खाता नंबर- 140 है. जमीन कारोबार से जुड़े लोग इस जमीन की कीमत तकरीबन 50 करोड़ बताते हैं. हालांकि दर के मुताबिक इस जमीन की वर्तमान कीमत करीब 30 करोड़ रूपये है.