आरटीआई एक्टिविस्ट ने मनरेगा आयुक्त को जांच के लिए लिखा पत्र
Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, रांची में मनरेगा के तहत नियुक्तियों में गड़बड़ी का अंदेशा जताया जा रहा है. दरअसल मनरेगा के तहत विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण रांची द्वारा विज्ञापन निकाला गया था. जिसमें प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, तकनीकी सहायक ( सहायक अभियंता के समकक्ष), तकनीकी सहायक ( कनीय अभियंता के समकक्ष), लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक और ग्राम रोजगार सेवक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति होनी थी. लेकिन नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान ही कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग एवं मनरेगा आयुक्त के आदेश पर सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया. (पढ़ें, गिरिडीह से रांची जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त, 18 से अधिक यात्री घायल)
तकनीकी सहायक पद पर दो लोगों की हुई नियुक्ति
इसके बाद राज्य के अन्य जिलों में तो नियुक्ति प्रक्रिया रद्द करते हुए विज्ञापन रद्द कर दिया गया, लेकिन रांची जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा उस आदेश को दरकिनार करते हुए उसी विज्ञापन पर सिर्फ तकनीकी सहायक (सहायक अभियंता के समकक्ष) पद पर विमलेन्दु शेखर और रंजन सिंह मुंडा को नियुक्त कर दिया गया, जबकि अन्य पांच पदों पर एक भी नियुक्ति नहीं हुई.
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पंकज यादव ने मामले की जांच के लिए मनरेगा आयुक्त को लिखा पत्र
उल्लेखनीय है कि उस समय विमलेंदु शेखर के पिता मिथलेश कुमार पांडेय जिला अभियंता के पद पर कार्यरत थे. बताया जाता है कि विमलेंदु शेखर के पिता मिथिलेश कुमार पांडेय तत्कालीन डीसी छवि रंजन के करीबी थे सेंटर फॉर आरटीआई के अध्यक्ष पंकज यादव ने पूरे मामले की जांच के लिए मनरेगा आयुक्त को पत्र लिखा है.
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