Ranchi: रांची जमीन घोटाला मामले में मुख्य आरोपी दिलीप घोष को हाईकोर्ट ने मंगलवार को जमानत दे दी. इससे पहले दिलीप घोष की जमानत याचिका पर बीते 9 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि बीते सात जून को ईडी ने जमीन घोटाला मामले में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल और दिलीप घोष को गिरफ्तार किया था. दोनों को ईडी की टीम ने कोलकाता से गिरफ्तार किया था. सेना के कब्जे वाली जमीन के दस्तावेज में फर्जीवाड़ा कर बेचने वाले फर्जी रैयत प्रदीप बागची ने जिस जगतबंधु टी इस्टेट को उक्त जमीन की रजिस्ट्री की थी, उस कंपनी में अमित अग्रवाल भी दिलीप घोष के सहयोगी हैं. कंपनी के दिलीप घोष को ईडी ने पहले समन किया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे थे.
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फर्जी तरीके से सेना की जमीन हथियाने की साजिश, करीबी के नाम पर करायी रजिस्ट्री
अमित अग्रवाल के करीबी दिलीप घोष की कंपनी जगतबंधु टी-इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को ही फर्जी कागजातों के जरिए सेना की कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन बेची गई थी. ईडी ने जांच में पाया था कि कंपनी ने 20 करोड़ के सरकारी मूल्य की जमीन महज सात करोड़ में खरीदने का जिक्र रजिस्ट्री में किया. वहीं इस जमीन के बदले फर्जी मालिक प्रदीप बागची को महज 25 लाख मिले. रजिस्ट्री में अलग-अलग बैंक खातों से बाकी 6.75 करोड़ रुपये देने का दावा ईडी की जांच में गलत निकला. ईडी ने जब पूरे मामले की पड़ताल की तब मामले में अमित अग्रवाल की संलिप्तता के साक्ष्य मिले.
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बताते चलें कि नगर निगम के टैक्स कलेक्टर दिलीप शर्मा ने प्रदीप बागची के खिलाफ 4 जून 2022 को फर्जी कागजात के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने का मामला बरियातू थाने में दर्ज कराया था. इस केस में ईडी ने ईसीआईआर किया था.