Satya Sharan Mishra
Ranchi: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 29 जुलाई से शुरू हो रहा है। सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र की जनसमस्याओं और ज्वलंत मुद्दों को सरकार के ध्यान में लाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. हालांकि कुछ पुराने सवाल भी हैं जिनपर विधायकों को सरकार की ओर से कार्रवाई का आश्वासन मिला था, लेकिन वे आश्वासन अबतक पूरा नहीं हुए. टॉफी-टीशर्ट, मैनहर्ट, ई-पॉस मशीन जैसे बड़े मामलों पर सदन में विधायक को दिया गया आश्वासन अबतक पूरा नहीं हुआ है, वहीं सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत समस्याओं के भी आश्वासन लंबित हैं.
पिछले बजट सत्र में 1,070 सवाल स्वीकृत
पिछले बजट सत्र में विधानसभा में 1,070 सवाल स्वीकृत हुए थे. इनमें से 793 प्रश्नों के जवाब सदन में ही मिल गया था, जबकि 97 सवाल संबंधित विभागों के पास लंबित थे. सरकार का आश्वासन मिलने के बाद भी जिन विधायकों के उठाये मामलों पर कार्रवाई नहीं हुई है वे फिलहाल एटीआर का इंतजार कर रहे हैं. सदन में एटीआर पेश होने के बाद विधायकों को पता चलेगा कि उनके उठाये सवालों पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है.
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विधानसभा में मिले 8 आश्वासन, जिनपर कार्रवाई नहीं हुई
सिवरेज-ड्रेनेज घोटाला
21 मार्च 2022 को विधायक सरयू राय ने बजट सत्र में अल्पसूचित प्रश्न में सवाल उठाया था कि रांची में सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण में गड़बड़ी के मामले की एसीबी जांच बहुत धीमी गति से चल रही है. मंत्री आलमगीर आलम ने आश्वासन दिया था कि दो माह के भीतर सभी आरोपियों से जवाब लेकर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
टॉफी-टीशर्ट घोटाला
बजट सत्र में ही सरयू राय ने टॉफी, टी-शर्ट घोटाले का भी मामला उठाया था और जांच के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी. सरकार की ओर से मंत्री आलमगीर आलम ने इसपर भी जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया था.
2जी से 4जी नहीं हुए ई-पॉस मशीन
विधायक प्रदीप यादव ने पिछले शीतकालीन सत्र में मामला उठाया कि 78 करोड़ की ई-पॉस मशीन के लिए सरकार ने 250 करोड़ खर्च कर दिये. ऊपर से टूजी मशीन में नेटवर्क की परेशानी हो रही है. तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आश्वासन दिया था कि मशीनों को टू जी से 4जी करने की प्रक्रिया चल रही है.
अबतक नहीं सुधरी गलती
पिछले बजट सत्र में प्रदीप यादव ने भूमि अधिग्रहण का मामला उठाया था. अधिग्रहण के बाद 5 साल तक जमीन उपयोग नहीं होने पर रैयतों को लौटने की दिशा में कार्रवाई करने की मांग की थी. साथ ही रैयत को मुआवजा भी देने को कहा था. मंत्री जोबा मांझी ने आश्वासन दिया था कि जो गलती हुई है उसे सुधारा जाएगा.
मई तक विद्युतिकरण होना था, नहीं हुआ
माले विधायक बिनोद सिंह ने पिछले बजट सत्र में बगोदर के बरवाडीह गांव के केशवारी में विद्युतिकरण करने की मांग की थी. सरकार से आश्वासन मिला था कि मई तक विद्युतिकरण हो जाएगा. विधायक ने बताया अबतक विद्युतिकरण नहीं हुई है.
आधा वित्तीय वर्ष खत्म, ट्रामा सेंटर अधर में
बिनोद सिंह ने बगोदर में ट्रामा सेंटर शुरू करने की भी मांग सदन में उठाई थी। सरकार की ओर से आश्वासन मिला था कि इसी वित्तीय वर्ष में ट्रामा सेंटर शुरू हो जाएगा. विधायक ने बताया आधा वित्तीय वर्ष खत्म हो गया है, लेकिन इस दिशा में काम नहीं हुआ.
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बोकारो में मेडिकल कॉलेज का आश्वासन अधूरा
बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने बोकारो में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग पिछले सत्र में उठाई थी। उन्हें आश्वासन मिला था कि जल्द मेडिकल कॉलेज खुलेगा. इसके लिए कमेटी के गठन की भी बात कही गई थी. विधायक ने कहा इस दिशा में कुछ नहीं हुआ है.
चीफ सेक्रेटरी के संज्ञान में मामला अबतक गया ही नहीं
विधायक प्रदीप यादव ने जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड कार्यपालक अभियंता विमल कुमार झा को पाइपलाइन प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सेल में अनुबंध पर रखने का मामला विधानसभा में उठाया था. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इस पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो पूरे मामले की जांच के लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी. विधायक ने बताया मुख्य सचिव के संज्ञान में मामला अबतक गया ही नहीं है.