LagatarDesk : आरबीआई की एमपीसी बैठक का आज अंतिम दिन था. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 25 बेसिस पाइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया. मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा के बाद शक्तिकांत दास ने अडानी ग्रुप को लेकर बात की. आरबीआई ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और बैंकों द्वारा गौतम अडानी की कंपनियों को कर्ज देने के बारे में भी बात की. शक्तिकांत दास ने कहा कि देश के बैंकिंग स्थिति काफी मजबूत है. ऐसे मामलों का बैंक पर कोई असर नहीं पड़ेगा. (पढ़ें, जैकलीन फर्नांडिस ने किए मां वैष्णो देवी के दर्शन, भक्ति के रंग में रंगी नजर आईं एक्ट्रेस)
कंपनी के मार्केट कैप के आधार पर बैंक नहीं देती लोन
शक्तिकांत दास ने अडानी ग्रुप को दिये गये कर्ज पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि देश के बैंक किसी भी कंपनी को मार्केट कैप के आधार पर लोन नहीं देती है. बल्कि बैंक दूसरे पैमाने पर लोन देते हैं. बैंक किसी कंपनी को लोन देते समय कंपनियों की ताकत और फंडामेंटल को ध्यान में रखती है. अगर इन दो बातों पर कंपनी सही है, तब दूसरी बातों पर ध्यान दिया जाता है. वहीं आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन ने कहा कि घरेलू बैंकों ने अडानी ग्रुप को शेयरों के बदले जो कर्ज दिया गया है, वह बहुत कम है.
इसे भी पढ़ें : रिम्स से हटाये गये सुरक्षाकर्मियों ने खटखटाया स्वास्थ्य मंत्री का दरवाजा, नौकरी देने की लगायी गुहार
बैंकों को रेगुलेट करने के लिए आरबीआई स्पष्ट दिशा-निर्देश लेकर आयी

आरबीआई से पूछा गया था कि मौजूदा स्थिति में घरेलू बैंकों को अडानी समूह की कंपनियों को दिये गये कर्ज को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी करेगा. इस पर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम बैंकों को रेगुलेट करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश लेकर आये हैं. ऑडिट कमेटीज के लिए गाइडलाइंस हैं. हमने बैंकों में चीफ रिस्ट ऑफिसर्स की नियुक्ति को भी अनिवार्य कर दिया है.
इसे भी पढ़ें : पीएम मोदी की जैकेट संसद में रही आकर्षण का केंद्र, पीईटी बोतलों को रिसाइकल करके की गयी तैयार