Lagatar Desk: रेप पीड़िता की आत्महत्या से जुड़े मामले में यूपी में पदस्थापित पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर को शुक्रवार (27 अगस्त) को गिरफ्तार कर लिया गया. रेप पीड़िता ने ठाकुर पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था. अमिताभ ठाकुर के खिलाफ यह कार्रवाई एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गयी है. शुक्रवार की शाम को उन्हें जेल भेज दिया गया. अमिताभ ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाना दयाशंकर द्विवेदी ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
प्राथमिकी में कहा गया है कि सांसद अतुल राय के खिलाफ पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाना में कांड संख्या 548/2020 धारा 376/ 420/ 504/ 506 दर्ज करायी थी. इसमें बाद में अपराध प्रमाणित होने पर आरोप पत्र भी दायर किया गया है और यह प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है. उसके बाद इस मामले में अनुचित लाभ देने के लिए पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए अभियुक्त पक्ष के द्वारा और उसके गवाह के खिलाफ सात मुकदमे दर्ज कराये गये. 10 नवंबर 2020 को पीड़िता ने एसएसपी वाराणसी को प्रार्थना पत्र भी दिया. इसमें उसने बताया कि अमिताभ ठाकुर द्वारा अभियुक्त अतुल राय से पैसे लेकर कोर्ट के लिए झूठे साक्ष्य गढ़े जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें – तीन हजार की रिश्वत ली, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार, पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
छवि धूमिल करके आत्मदाह करने के लिए उकसाया जा रहा है
दयाशंकर द्विवेदी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि पीड़िता की छवि धूमिल करके उसे आत्मदाह के लिए उकसाया गया. मुकदमा लिखे जाने के दौरान अतुल राय और उनके लोगों द्वारा लगातार मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जा रही हैं और मुकदमे में बयान बदलने और कार्यवाही ना करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है. कोर्ट द्वारा बहस के दौरान अतुल राय के लोगों द्वारा केस कमजोर करने व साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया जा रहा है और उसे कोर्ट में अपना बयान बदलने पर मजबूर किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें- इनवेस्टर्स समिट में 10 हजार करोड़ का MOU, झारखंड इंडस्ट्रियल पॉलिसी का भी लोकार्पण
पीड़िता का आरोप : अमिताभ ठाकुर ने सोशल मीडिया पर फैलाई गलत खबर
दयाशंकर द्विवेदी द्वारा दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि अमिताभ ठाकुर द्वारा सोशल मीडिया पर गलत खबरें फैलायी जा रही हैं और पीड़िता की छवि खराब करने के लिए उसके गवाहों को अपराधों के साथ जोड़कर ऑडियो वायरल किया जा रहा है. सांसद अतुल राय और अमिताभ ठाकुर द्वारा उसकी छवि खराब करने के लिए अत्यंत गंभीर आरोप लगाये जा रहे हैं. बाहुबली सांसद अतुल राय द्वारा से उसकी जान का भी खतरा है. पीड़िता के प्रार्थना पत्र में यह अभी अंकित है कि कुछ दिन पहले छह- सात नवंबर की रात में पीड़िता को अपने गवाह सत्यम प्रकाश राय का फोन आया और वह मानसिक रूप से काफी परेशान थे.
कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि अतुल राय से पैसा लेकर आईपीएस लंका थाना वाराणसी में दर्ज मुकदमा के संदर्भ में गलत-गलत खबर फैला रहे हैं और मेरे गवाह के नाम को किसी अपराधी के साथ जोड़ कर दिखा रहे हैं और ऑडियो वायरल कर रहे हैं. इससे परेशान होकर मेरे गवाह आत्मदाह करने की बात कर रहे थे. काफी मना करने पर वह माने.
अमिताभ ठाकुर ने नहीं दिया कोई जवाब
दयाशंकर द्विवेदी द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है, कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर का नंबर फेसबुक से देखकर उन्हें फोन किया और उनसे पूछा कि उनके द्वारा एक उच्च प्रशासनिक अधिकारी होने के बावजूद क्या कारण रहा कि कोर्ट में चल रहे मामले में हस्तक्षेप किया जा रहा है और यह भी पूछा कि आपको सीओ भेलपुर की रिपोर्ट कहां से प्राप्त हुई है?
इस मामले में अमिताभ ठाकुर कोई जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद पीड़िता और मेरे गवाह काफी डरे हुए हैं, क्योंकि सांसद अतुल राय बाहुबली छवि वाले हैं. ऐसे में अमिताभ ठाकुर जैसे सीनियर पुलिस अधिकारी, जो हम जैसे पीड़ित और असहाय लोगों की मदद के लिए उस कुर्सी पर बैठे हैं, इनका इस तरह से पूर्व में गैंगस्टर रहे एक बाहुबली की छवि रखने वाले के लिए बोलना हमें भविष्य में आत्मदाह करने पर मजबूर कर सकता है. नहीं तो ये लोग अतुल राय के साथ मिलकर किसी अप्रिय घटना को अंजाम दिला सकते हैं. मुझे और मेरे गवाह को जान से भी मरवा सकते हैं. यह जानते हुए कि सीओ भेलपुर की रिपोर्ट अंतिम रिपोर्ट नहीं है, यह मामला कोर्ट में चल रहा है, फिर भी उन्होंने इसको सार्वजनिक कर हमें बदनाम करने और आत्मदाह करने पर विवश क्यों किया. प्रशासन की छवि आम जनमानस के बीच धूमिल करने का प्रयास सीनियर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने किया.
एक नेक्सेस के तहत अमिताभ ठाकुर ने यह सारी चीजें गढ़ीं
दयाशंकर द्विवेदी ने प्राथमिकी में कहा गया है कि पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय द्वारा बीते 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट नयी दिल्ली गेट के बाहर फेसबुक पर लाइव टेलीकास्ट करते हुए तमाम आरोपों के साथ यह भी आरोप लगाया गया कि इन लोगों का एक गिरोह है और एक नेक्सेस के तहत अमिताभ ठाकुर द्वारा यह सारी चीजें की गयी हैं. हम लोग अब मजबूर हो गये हैं. फेसबुक लाइव में यह भी बताया गया कि आप लोग मिलकर गलत एफआईआर दर्ज कराइए, गलत-गलत रिपोर्ट लगाएं और पत्रावली में खूब गलत-गलत दर्शाइए, गलत तथ्य अंकित किए गए है. फेसबुक लाइव के तुरंत बाद पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने सुप्रीम कोर्ट गेट के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया गया. दोनों बुरी तरह से झुलस गये और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी. इन दोनों का फेसबुक लाइव कथन इन दोनों मृतकों द्वारा अपनी मृत्यु के समव्यवहार में किये गये हैं, जो दोनों की मृत्यु के पहले का कथन है.