Saraikela : सरायकेला प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय तितिरबिला में कार्यरत आदिवासी शिक्षक दाखिन हेंब्रम ने डीएसई महमूद आलम पर छह माह से वेतन निकासी पर रोक लगाने का आरोप लगाया है. वेतन विमुक्त करने का बार-बार आग्रह के बावजुद डीएसई महमूद आलम द्वारा जांच के नाम पर मामले को टाल दिया जाता है. छह माह तक वेतन नहीं मिलने से परेशान शिक्षक दाखिन हेंब्रम ने एक बार फिर डीएसई को आवेदन देते हुए अविलंब वेतन विमुक्त करने का आदेश देने का आग्रह किया है.
स्पष्टीकरण को ना ही असंतोषजनक माना गया, ना ही वेतन जारी किया गया
शिक्षक दाखिन ने बताया कि वे उत्क्रमित उच्च विद्यालय तितिरबिला में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. विगत तीन मार्च को डीएसई द्वारा स्कूल का औचक निरीक्षण किया गया था, जिसमें स्कूल में उपस्थित होने के बावजुद भी लापरवाही का आरोप लगा कर एक दिन का वेतन बंद का निर्देश देते हुए मुझे स्पष्टीकरण जारी किया गया. मेरे द्वारा 23 मार्च को स्पष्टीकरण का जबाब दिया गया परंतु विभागीय पत्र में अनुपस्थित दर्शाते हुए एवं लापरवाही का आरोप लगा कर अगले आदेश तक वेतन निकासी पर रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया गया. वेतन विमुक्त करने हेतु डीएसई से बार-बार आग्रह करने के बावजुद अब तक वेतन विमुक्त नहीं किया गया है. जब उनसे आग्रह किया जाता है तो जांच के नाम पर टाल दिया जाता है. शिक्षक दाखिन ने बताया मेरे द्वारा जो भी स्पष्टीकरण का जबाब दिया गया है उसे अब तक न तो असंतोषजनक करार दिया गया है और न ही वेतन विमुक्त का आदेश निर्गत किया गया है. डीएसई के इस तरह के व्यवहार से मेरी भावनाओं को ठेस पहुंचा है, वहीं छह माह तक वेतन नहीं मिलने से परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गयी है. शिक्षक ने अविलंब वेतन विमुक्त करने का आग्रह किया है.
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