Ranchi : राज्य की हेमंत सरकार जिलावर आरक्षण रोस्टर में दलित और ओबीसी समाज को हाशिये में डालने की राजनीति को अविलंब बंद करे और आरक्षण रोस्टर में तुरंत सुधार करें नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. उपरोक्त बातें मंगलवार को आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही. नायक ने राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन को ईमेल के माध्यम से एक पत्र भेजा है. उन्होंने कहा कि राज्य के 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया है और अनुसूचित जाति को मात्र 5% ही आरक्षण दिया गया है, जो इन वर्गों के साथ सामाजिक अन्याय है. इसका आने वाले दिनों में व्यापक रूप से विरोध किया जाएगा.
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नायक ने आगे कहा के अनुसूचित जाति एवं ओबीसी के विधायक अपने वर्ग को अधिकार दिलाने में असफल साबित हुए हैं. ऐसे में इन विधायकों को विधायक बने रहने का कोई औचित्य नहीं है. सभी विधायक या तो इस्तीफा दें या फिर सदन को चलने नहीं दें, जब तक त्रुटियों में सुधार नहीं किया जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार दलित /ओबीसी के विरोध में कार्य कर रही है. नायक ने यह भी कहा कि सरकार को और दलित,ओबीसी विधायकों को आने वाले दिनों में यह जवाब देना होगा कि आखिर किस परिस्थिति में लातेहार, सिमडेगा, खूंटी, गुमला, लोहरदगा,पश्चिम सिंहभूम और दुमका में ओबीसी को जिलावर आरक्षण में शून्य और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 10% तथा अनुसूचित जाति का आरक्षण 5% कैसे कर दिया गया है. नायक ने अनुसूचित जाति एवं ओबीसी के जिलावर आरक्षण में अविलंब सुधार कर अनुसूचित जाति को 12% एवं ओबीसी वर्ग को कम से कम तत्काल 27% आरक्षण देने का कार्य करें, नहीं तो दोनों वर्गों को गोलबंद कर आंदोलन का रूख अख्तियार किया जाएगा.
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