Ranchi: जब प्रशासनिक अधिकारी गलत करने में साथ हो तो कुछ भी हो सकता है. हेहल अंचल में इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिल रहा है. हेहल अंचल के बजरा मौजा के खाता नंबर 119 में करीब 20 प्लॉट हैं. पूरी जमीन विवादित है. प्लॉट नंबर 336 पर रांची एसडीएम 17 नवंबर 2020 को धारा 144 लगाते हैं. दरअसल पंडरा थाना की तरफ से एसडीएम को धारा 144 लगाने के लिए आवेदन दिया गया था. कहा गया था कि जमीन को लेकर दो पक्ष के बीच कभी भी तनाव बढ़ सकता है और विधि व्यवस्था बिगड़ सकती है.
लिहाजा रांची एसडीएम से 17 नवंबर 2020 से 17 जनवरी 2021 तक के लिए इस जमीन पर धारा 144 लगा दी. धारा 144 लगने के बाद जहां जमीन पर होने वाले सभी काम को बंद होना था. वहां ताबड़तोड़ काम शुरू हो गया और प्रशासनिक मदद से एक पक्ष ने पूरी जमीन पर कब्जा कर लिया.
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धारा 144 रहते हो गयी जमीन की रजिस्ट्री और कब्जा
रांची में करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने के लिए किस कदर रांची प्रशासन जमीन माफिया की मदद कर रहा है, हेहल का मामला उसकी एक बानगी है. किसी जमीन पर धारा 144 लगने के मायने क्या होता है. इससे सभी वाकिफ हैं, सिवाय रांची के रजिस्ट्रार ऑफिस के. रांची एसडीएम की तरफ से 17 जनवरी तक के लिए हेहल के खाता नंबर 119 के प्लॉट नंबर 336 पर धारा 144 लगायी गयी थी.
![जिस जमीन पर लगी है धारा 144 उसकी हो गयी रजिस्ट्री और म्यूटेशन-2](https://i0.wp.com/lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/zamin6.jpg?resize=1032%2C581&ssl=1)
बावजूद इसके रांची जमीन माफिया ने इसी जमीन की रजिस्ट्री 31 दिसंबर 2020 को करा ली. धारा 144 रहते हुए एक तरफ जमीन की रजिस्ट्री हो गयी और दूसरी तरफ धड़ल्ले से जमीन पर कब्जा करने काम होता रहा. कहा जा रहा है कि इस जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पुलिस महमके के आला अधिकारी जमीन पर खुद आया-जाया करते थे. अपने अधिनस्थ पुलिस कर्मियों पर वो कब्जा दिलाने और बाउंडरी वॉल खड़ी करने में मदद करने का दबाव भी बनाते थे.
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नियम ताक पर रख कर कर दिया जमीन का म्यूटेशन
हेहल अंचल में जमीन के इस करोड़ों के खेल में अंचल कार्यालय सवालों के घेरे में है. हेहल सीओ दिलीप कुमार को एक पक्ष की तरफ झुकता हुआ साफ तौर से देखा जा रहा है. आखिर ऐसी क्या वजह रही होगी कि जिस जमीन पर धारा 144 लगी हो. कमिश्नर ने डीसी को जमीन की जांच दोनों पक्षों की सुनकर करने के लिए कहा हो. फिर भी सीओ हेहल दिलीप कुमार ने जमीन की जमाबंदी (म्यूटेशन) कर दी.
नोटः मामले पर सीओ हेहल का पक्ष जानने के लिए लगातार के संवाददाता ने सीओ दिलीप कुमार को फोन किया. लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. इस कॉल को मिलाकर उन्हें अबतक चार बार फोन किया जा चुका है.
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