LagatarDesk : रिलायंस इंडस्ट्रीज, गूगल, फेसबुक, टाटा, एमेजॉन, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक समेत कई फाइनेंशियल कंपनियां बहुत जल्द भारत के डिजिटल पेमेंट बाजार में दस्तक देने जा रही हैं. रिजर्व बैंक ने हाल ही में न्यू अंब्रेला एंटिटी (NUE) के लिए एप्लिकेशन भरने की तारीख को बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया है. पहले एप्लिकेशन भरने की आखिरी तारीख 26 फरवरी तक थी. NUE की मदद से ये कंपनियां UPI की तरह पेमेंट नेटवर्क तैयार कर पायेंगी. इससे डिजिटल पेमेंट मार्केट में प्रतियोगिता और अधिक बढ़ जायेगी.
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इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, NUE के लिए कंसोर्टियम ऑफ कंपनीज इस दौड़ में शामिल हैं. जैसे रिलायंस, Infibeam Avenues, गूगल और फेसबुक मिलकर NUE की इस दौड़ में शामिल हैं. गुरुवार को एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा कि वे आरबीआई को आवेदन करने के लिए फेरबाइन में केवल 10% इक्विटी में हिस्सेदारी ले रहे हैं.
दो बैंकों के अलावा एक अन्य सहायक संघ इसमें शामिल हो सकते हैं. इससे पहले अमेज़ॅन, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, पाइन लैब्स और बिलडेस्क ने एक कंपनी को बढ़ावा देने का फैसला किया था. इस तरह के तीसरे समूह में पेटीएम, ओला फाइनेंशियल, इंडसइंड बैंक और इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट सर्विसेज (ईपीएस) शामिल हैं.
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किसी भी सरकारी बैंक ने नहीं दिखायी रुचि
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक सेक्टर के एक भी बैंक ने NUE को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखायी है. कोई भी सरकारी बैंक पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने में अपनी रुचि नहीं दिखाई है. NUE को लेकर बैंकर्स का कहना है कि इनके आने से UPI और IMPS का इन्फ्रा और मजबूत होगा. ये कंपनियां अपने लिए अलग से पेमेंट प्लैटफॉर्म नहीं तैयार करेंगी.
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दो NUE को रिजर्व बैंक जारी कर सकता है लाइसेंस
अलग-अलग सहायक संघ अपने प्रपोजल पर काम कर रहे हैं. माना जा रहा है कि एप्लिकेशन जमा होने के बाद रिजर्व बैंक कम से कम छह महीने के लिए उनके प्रस्ताव को स्टडी करेगा. रिजर्व बैंक 2 NUE को लाइसेंस जारी करेगा. रिजर्व बैंक के सामने डेटा सिक्यॉरिटी भी बड़ा मुद्दा है.
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