Hazaribagh: लोक कल्याण महामंडल विधान एवं विश्व शांति यज्ञ के चौथे दिन गुरुवार को आर्यिका 105 प्रतिभामति माताजी ने कहा कि भौतिक पदार्थों से क्षणिक सुख प्राप्त होता है. अध्यात्म हमें सुख से अनंत सुख की ओर ले जाता है. हमें सत कार्यों की प्रभावना करनी चाहिए. पूजा-विधान के माध्यम से लोगों को धर्म से जोड़ना चाहिए. गुनी जनों की संगति करनी चाहिए, पर वस्तुओं से ममत्व हटाना चाहिए.
इससे पहले आर्यिका 105 प्रतिभामति माताजी एवं आर्यिका 105 सुयोगमति माताजी के सानिध्य में समवसरण परिसर में चार गंधकुटियो में तीर्थंकर प्रतिमाओं का अभिषेक किया गया. सोधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य राजकुमार दिलीप कुमार ( मुन्ना) टोंग्या को प्राप्त हुआ. शांति धारा करने का अवसर सोधर्म इंद्र, सुनील विनायका, अरुण वोहरा, निर्मल विनायका, ललित विनायका, राजेश पाटोदी, संजय पाटनी और ललित लुहाड़िया को प्राप्त हुआ. फिर आर्यिका 105 प्रतिभामति माताजी ने केशलोच किया.
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वहीं विधान का संचालन पंडित दीपक शास्त्री और पावन वर्षा योग के मुख्य संयोजक निर्मल गंगवाल ने किया. माता जी को शास्त्र भेंट करने का अवसर कांता सेठी, अंजू सेठी और जिनवाणी ग्रुप को प्राप्त हुआ. संध्या महाआरती करने का अवसर प्रतिक्रमण ग्रुप को प्राप्त हुआ. महाआरती का दीपक बड़ा बाजार जैन मंदिर से गाजे-बाजे के साथ निकला गया, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए समवसरण स्थल, बॉडम बाजार जैन मंदिर में आया. यहां संगीतमय महाआरती हुई. भक्तों ने भजन भी गाए.
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