Ranchi: रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच टीम का नेतृत्व कर रहे सीआईडी के निवर्तमान एडीजी अनिल पालटा को अगली सुनवाई के दिन अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले के अनुसंधानकर्ता यानी केस आईओ को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया है और इस पूरे मामले से जुड़ी जांच की रिपोर्ट भी संबंधित पदाधिकारियों से मांगी गई है.
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हाईकोर्ट ने ग्रामीण एसपी को अप्रूवर बनाये जाने पर नाराज़गी जताई
बता दें कि रेमडेसिविर कालाबाज़ारी मामले में सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने एक बार फिर नाराज़गी जताई है. अदालत ने ग्रामीण एसपी को इस मामले में अप्रूवर यानी सरकारी गवाह बनाये जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब इस मामले की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट कर रहा है तो अदालत को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया. अदालत ने सरकार से इस पूरे मामले की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट और केस का मूल अभिलेख मांगा है.
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अदालत के सभी निर्देशों का पालन किया गया है
राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि अब तक रेमडीसीवर मामले में अदालत के सभी निर्देशों का पालन किया गया है और जो भी प्रक्रिया अपनाई गई है वो नियमसंगत है.मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में हुई. हस्तक्षेप याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता और बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे.इस जनहित याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई. बता दें कि रेमडेसिविर समेत अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों की कालाबाजारी की खबरों पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. जिसके बाद इस मामले की जांच सीआईडी को दी गई है.
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