Ranchi : जलस्रोतों को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया गया. जिला प्रशासन की ओर से ये अभियान मंगलवार को शुरू किया गया है. इसके तहत हिनू नदी के किनारे हुए अतिक्रमण पर जिला प्रशासन की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. स्थानीय लोगों की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है. लोग अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे हैं. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
लोग पुलिस से भी उलझते नजर आये. इसी दौरान एक महिला अरगोड़ा सीओ से उलझ गयी. जबकि कुछ महिलाएं वहां रोती हुई भी देखी गयीं. अरगोड़ा सीओ अरविंद ओझा ने बताया कि हिनू नदी के किनारे अतिक्रमण कर करीब 75 घरों को नोटिस भेजा गया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह कार्यवाही की जा रही है. इसके अलावा कई घरों को चिन्हित करने का प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही उन्हें चिन्हित कर उन पर भी कार्यवाही की जाएगी.
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8 अंचलों में 246 अतिक्रमणकारियों को हटायेगा प्रशासन
यहां बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से रांची के सभी जल श्रोतों पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत 246 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी किया गया है. एसडीओ ने सभी नदी, तालाब और डैमों के आसपास से 7 दिनों में अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है. इसके तहत 8 अंचलों में 246 अतिक्रमणकारियों को हटाया जाएगा.
इस अभियान के तहत 22 जुलाई, 23 जुलाई और 25 जुलाई को 75 अतिक्रमण हटाये जाएंगे. हेहल अंचल के कांके डैम से 34 अतिक्रमित भूमि पर बने घरों को हटाया जाएगा. रातू अंचल के कांके डैम से 26 जुलाई को 11 अतिक्रमण हटाया जाएंगा. 24 जुलाई को बड़ा तालाब से 17 और हरमू नदी से 8 अतिक्रमण हटाये जाएंगे. 23 , 24 और 26 जुलाई को धुर्वा डैम से 67 अतिक्रमण, 26 और 27 जुलाई को गेतलसूद से 34 अतिक्रमण हटाये जाएंगे.
जलाशयों के अतिक्रमण पर हाईकोर्ट का है सख्त रुख
इससे पहले जलाशयों के अतिक्रमण मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं किये जाने पर नगर निगम और जिला प्रशासन को कड़ी फटकार लगायी थी. कोर्ट ने कहा कि था अब बहुत हुआ, हिनू नदी के आसपास अतिक्रमण करने वालों को रोक नहीं सकते तो क्या कर सकते हैं? बड़ी बिल्डिंग हटाने में कितना वक्त लगता है? सुनवाई के दौरान रांची डीसी,एसएसपी और रांची नगर निगम के नगर आयुक्त भी अदालत के समक्ष उपस्थित रहे. अदालत ने उनसे अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक उठाये गए कदम की जानकारी ली थी. अदालत को नगर आयुक्त ने बताया कि स्टाफ की कमी और फोर्स की कमी के कारण अतिक्रमण हटाने का कार्य नहीं हो पाया. जिसपर नाराजगी जताते हुए अदालत ने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते तो कुर्सी छोड़ देनी चाहिए? कोरोना की आड़ में आपलोग बच रहे हैं.
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