रघुवर दास के कार्यकाल में रखी गयी थी आधारशिला. 15 महीने में जनता को समर्पित करने की हुई थी घोषणा. 41 महीने के बाद भी विश्राम गृह को नहीं किया गया हैंड ओवर
Sourav Shukla
Ranchi: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) झारखंड का सबसे बड़ा और प्रीमियम मेडिकल इंस्टीट्यूट है. यहां इलाज के लिए न सिर्फ झारखंड बल्कि आसपास के राज्यों से भी मरीज आते हैं. ऐसे में मरीजों के परिजनों के ठहरने के लिए एनटीपीसी द्वारा सीएसआर फंड से विश्राम गृह के निर्माण की आधारशिला 14 जुलाई 2019 को रखी गई थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री आरके सिंह, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी आधारशिला कार्यक्रम में मौजूद थे. विश्राम गृह के निर्माण में 15 करोड़ रुपए खर्च किये गए. मंच से घोषणा हुई थी 15 महीने में विश्राम सदन का निर्माण कर जनता के लिए शुरू कर दिया जाएगा. लेकिन 41 महीने के बाद भी इसे शुरु नहीं किया जा सका है.
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300 बेड वाले विश्राम गृह में मिलेंगी ये सुविधाएं
विश्राम गृह का निर्माण कर रही कंपनी के कर्मचारी ने कहा कि भवन जी-प्लस पांच फ्लोर का है. जिसका काम 95 प्रतिशत तक पूरा हुआ है. 300 बेड वाले विश्राम गृह में मरीजों के लिए डोरमेट्री बनाया गया है. इसके साथ ही सामान रखने के लिए पर्सनल लॉकर भी दिया गया है. ताकि परिजन अपने सामान को सुरक्षित रख सकें. इसके अलावा ग्राउंड फ्लोर पर कैफेटेरिया और कैंटीन भी बनाया गया है. वहीं विश्राम गृह में फार्मेसी काउंटर भी बनाया गया है, जहां मरीज दवा खरीद सकते हैं. साथ ही लिफ्ट भी लगाए गए हैं.
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कमरे में 6 से 8 बेड
पांच मंजिला विश्राम गृह के हर एक कमरे में 6 से 8 बेड लगाए गए हैं. साथ ही सामान रखने के लिए हर एक कमरे में अलमारी बनाया गया है. हर एक फ्लोर पर चार वॉशरूम भी है. वहीं दिव्यांगों के लिए भी अलग से वॉशरूम की व्यवस्था की गई है. ग्राउंड फ्लोर पर वेटिंग एरिया मरीजों को मिलेगी. जाहिर है अगर ये रेस्ट हाउस समय पर बन जाता तो मरीजों को सहूलियत मिलती.