NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने जनता को मुफ्त सुविधाओं (रेवड़ी कल्चर) के लॉलीपॉप को लेकर आज चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें हलफनामा नहीं मिलता, लेकिन वो अखबारों को मिल जाता है और वहां छप भी जाता है. हमने आज आपका हलफनामा न्यूज पेपर में पढ़ लिया है.
SC observes promising&distributing freebies by political parties in polls is “serious issue”&amount has to be spent on infrastructure
AAP tells SC there’s difference b/w welfare schemes& freebies
SC says economy losing money&people’s welfare has to be balanced
Hearing on Aug17 pic.twitter.com/cCAyzGLtLc
— ANI (@ANI) August 11, 2022
हालांकि आज चुनाव में जनता को मुफ्त सुविधाओं का वायदा करने वाली राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रद्द करने की मांग वाली अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गयी. खबर है कि इस मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से पूछा है कि सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव से पहले अपना मेनिफेस्टो आपको देती हैं?
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आयोग ने बताया कि फ्री योजनाओं को लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है
राजनीतिक पार्टियों द्वारा मुफ्त योजनाओं के ऐलान के विरुद्ध भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर में कहा गया है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है. इसी संबंध में जब कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा तो आयोग ने बताया कि फ्री योजनाओं को लेकर कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है. इस क्रम में EC (चुनाव आयोग) ने कोर्ट से कहा कि इस मामले में एक कमेटी बना दी जाये. साथ ही चुनाव आयोग ने कहा किहमें उस कमेटी से दूर रखा जाए क्योंकि हम एक संवैधानिक संस्था हैं.
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चुनाव में फ्री योजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने फ्री रेवड़ी कल्चर कहा था
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि आपका हलफनामा हमें नहीं मिला, लेकिन अखबारों तक पहुंच गया है. हम सुबह पढ़ अखबार में आपका हलफनामा पढ़ चुके हैं. बता दें कि चुनाव में फ्री योजनाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्री रेवड़ी कल्चर कहा था. इसे लेकर आम आदमी पार्टी प्रधानमंत्री पर हमलावर है. आप की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है, जिसमें उसे भी पक्षकार बनाये जाने की मांग की गयी है.
CJI बोले , राजनीति से अलग रखें मुद्दा
इसके बाद सीजेआई ने कहा कि इस मामले पर किसी प्रकार का श्वेत पत्र होना चाहिए. बहस होनी चाहिए. अर्थव्यवस्था को धन की हानि हो रही है और लोगों का कल्याण, दोनों को संतुलित करना होगा. इसलिए हम कुछ समिति चाहते हैं. सीजेआई के प्रस्ताव पर कपिल सिब्बल ने सहमत हुए. इस कआम में सीजेआई ने कहा कि कृपया अगले सप्ताह रिटायरमेंट से पहले मुझे कुछ सुझाव दें.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम मानते हैं कि यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है और इसे राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए. मेरी सेवानिवृत्ति से पहले तय करेंगे कि क्या किया जाना चाहिए.
सॉलिसिटर जनरल ने दिया कमेटी बनाने का प्रस्ताव
सुनवाई के क्रम में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमारा एक कमेटी का प्रस्ताव है, जिसमें सचिव केंद्र सरकार, सचिव राज्य सरकार, प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, नीति आयोग के प्रतिनिधि, आरबीआई, वित्त आयोग, राष्ट्रीय करदाता संघ शामिल किये जा सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को पक्षकार बनाया
चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने पीठ से कहा कि हमने 2004, 13 और 16 में सिफारिशें दी थी. हमने हलफनामे में राजनीतिक दलों के गैर-पंजीकरण पर उल्लेख किया था. इस पर सीजेआई ने कहा कि मैं मान्यता रद्द करने की जांच नहीं करूंगा. यह अलोकतांत्रिक है. मैं राजनीतिक दल और सभी के अपंजीकरण से निपटना नहीं चाहता. खबर है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को पक्षकार बना लिया है. इस मामले में 17 अगस्त को अगली सुनवाई होगी.